निजी स्कूलों के साथ सरकार का व्यवहार अच्छा नहीं : कुलभूषण
डबवाली सरकार निजी स्कूलों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है हमें ब
संवाद सहयोगी, डबवाली : सरकार निजी स्कूलों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है, हमें बर्बाद करने पर तुली है। क्या हम देश की आधी जनता को पढ़ाकर कोई गलत कार्य कर रहे हैं। ये शब्द नेशनल इंडीपेंडेंट स्कूल्स एलाइंस (नीसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने शनिवार को डबवाली के नेहरू सीनियर सकेंडरी स्कूल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे। कुलभूषण शर्मा ने सरकार पर गंभीर आरोप जड़े।
उन्होंने कहा कि सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात कर रहे हैं जबकि सरकारी तथा निजी स्कूलों की बेटियों में भेदभाव किया जा रहा है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली बेटी को मुफ्त ट्रांसपोर्ट सुविधा दी जा रही है तो वहीं निजी स्कूल की बेटी जिस बस या वैन में आती है उस पर टैक्स लगाया जा रहा है। अब तो 10 से 20 फीसद की बढ़ोत्तरी की जा रही है। निजी स्कूलों पर प्रॉपर्टी, फायर आदि अनाप-शनाप टैक्स लगाए जा रहे हैं। सही मायने में सरकार औरंगजेब का जजिया निजी स्कूलों पर लागू कर रही है।
वहीं 134ए के तहत सरकार ने वर्ष 2011 से एक पैसा तक नहीं दिया। 8 साल से गरीब को हम पढ़ा रहे हैं। इस मसले पर हम हाईकोर्ट गए हैं। अदालत के जरिए सरकार बच्चों का नाम काटने की अनुमति मांगी है। मामले में सरकार को नोटिस हो चुका है। हाईकोर्ट में इस नियम की परीक्षा प्रणाली को चैलेंज करेंगे।
सिरसा में फरमान जारी कर रहे अधिकारी
सिर्फ सिरसा जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाने का फरमान जारी कर रहे हैं, जो अनुचित है। आदेश जारी करने वाले अधिकारी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहे हैं। चूंकि कुछ समय पहले बोर्ड ने ऐसा करने का प्रयास किया था। नीसा की याचिका पर हाई कोर्ट ने बोर्ड के फरमान पर 15 नवंबर 2017 को स्टे दिया था। अधिकारियों ने निर्णय नहीं बदला तो वे अदालत की अवमानना के मामले में हाई कोर्ट जाएंगे। हालांकि हरियाणा स्कूल एजूकेशन रूल्स 2003 में साफ लिखा है कि सरकार और बोर्ड सिलेबस सिलेक्ट कर सकते हैं। कौन सी किताबें लगेंगी, यह सरकार फिक्स नहीं कर सकती।
इस मौके पर अमित मेहता उपप्रधान, जिला प्रधान पंकज सिडाना, डबवाली प्रधान विजयंत शर्मा, हरिप्रकाश शर्मा मौजूद रहे।