चार साल से पंचायत का पैसा, रिकॉर्ड दबाए हुए हैं कालुआना का कार्यवाहक सरपंच
संवाद सहयोगी, डबवाली : वर्ष 2014 में गांव कालुआना के कार्यवाहक सरपंच रहे दलीप भाकर के पा
संवाद सहयोगी, डबवाली : वर्ष 2014 में गांव कालुआना के कार्यवाहक सरपंच रहे दलीप भाकर के पास पंचायत के 4.52 लाख रुपये तथा काफी रिकार्ड है। मौजूदा सरपंच गीता देवी सहारण ने रिकार्ड मांगा तो करीब चार साल बाद बीडीपीओ कार्यालय की आंखें खुली हैं। बीडीपीओ ने उपमंडलाधीश को पत्र लिखकर दलीप भाकर के नाम सर्च वारंट जारी करने की मांग की है। बताया जाता है कि कार्यवाहक सरपंच के पास पंचायत फंड की कैश बुक, पट्टा रजिस्टर, फार्म नं. 4 की रसीद बुक, स्टाक रजिस्टर, नरेगा कार्रवाई, ग्राम सभा की कार्रवाई, पशुपालन विभाग लेजर, एसजीएसवाइ कैश बुक, एचआरडीएफ महिला चौपाल लेजर, हरियाली स्टाक रजिस्टर, कैश बुक डीडीपी स्कीम, टीएससी कैश बुक, बीआरजीएफ चेक बुक, ओल्ड ऐज रिकार्ड, नरेगा लेजर, नरेगा कैश बुक, बीआरजीएफ स्टाफ रजिस्टर, एमलैंड लेजर, प्राइज कैश बुक, डीडीपी स्कीम स्टाक, बीआरजीएफ, नरेगा, एमपी लैंड, पीआरआइ की चेक बुक समेत पंचायत का अन्य रिकार्ड है।
गौरतलब है कि पंचायती रिकार्ड जलाने के मामले में तत्कालीन जिला उपायुक्त निखिल गजराज ने वर्ष 2014 में जगदेव सहारण को सरपंच पद से निलंबित कर दिया था। जिसके बाद दलीप भाकर कार्यवाहक सरपंच बने थे। 9 जनवरी 2017 को सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता के आदेश पर बीडीपीओ वेदपाल ने गांव कालुआना के पूर्व सरपंच जगदेव सहारण के खिलाफ मनरेगा तथा पंचायती फंड के गबन का मुकदमा दर्ज करवाया था। गांव कालुआना के पूर्व सरपंच पर जून 2011 में मनरेगा के तहत हुए कार्य के 1 लाख 5 हजार 121 रुपये तथा 2014 में पंचायत फंड के 6 लाख 62 हजार 918 रुपये के गबन का आरोप लगा था। गांव कालुआना की सरपंच गीता देवी सहारण के अनुसार उसके पति बार-बार पंचायत रिकार्ड दिलाने की गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। षड्यंत्र के तहत उन पर केस दर्ज करवाए गए, बाद में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जिस पंचायत सचिव ने गबन संबंधी रिपोर्ट दी थी, उसी सचिव ने 2 नवंबर 2014 को बीडीपीओ को एक पत्र लिखकर पंचायत रिकार्ड न देने का आरोप कार्यवाहक सरपंच पर लगाया है। पत्र के आधार पर ही पंचायती रिकार्ड न मिलने की पुष्टि हुई है। मेरे पति जगदेव सहारण बेगुनाह थे। अगर उन्हें पंचायत का पूरा रिकार्ड दिलाया जाता तो वे बेगुनाही साबित कर देते। लेकिन अधिकारियों, शिकायतकर्ताओं ने मिलीभगत करके न्याय नहीं होने दिया। आज 4 साल बाद अधिकारी रिकार्ड के लिए सर्च वारंट मांग रहे हैं। यही कार्रवाई पहले की होती तो मेरे पति आज हमारे बीच होते। जो भी अधिकारी, कर्मचारी या अन्य लोग साजिश में शामिल थे, उन्हें सजा दिलाकर रहूंगी।
-गीता देवी सहारण, सरपंच, गांव कालुआना कार्यवाहक सरपंच दलीप भाकर ने पंचायत का रिकार्ड नहीं दिया है। कुछ समय पहले सर्च वारंट के आधार पर कार्रवाई की गई थी, उस समय कुछ रिकार्ड मिला था। लेकिन पंचायत का पैसा तथा अन्य काफी रिकार्ड अभी भी उसके पास है। रिकार्ड वापस लेने के लिए एसडीएम को पत्र लिखकर सर्च वारंट मांगा गया है। जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-वेदपाल ¨सह, बीडीपीओ, डबवाली