भूमि को बंजर होने से बचा सकते है किसान
जागरण संवाददाता, सिरसा: जिले में घुलनशील या विनिमयशील सोडियम नमक की अधिकता के कारण भूि
जागरण संवाददाता, सिरसा:
जिले में घुलनशील या विनिमयशील सोडियम नमक की अधिकता के कारण भूमि बंजर हो रही है। बंजर होती भूमि पर किसान ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे बंजर भूमि का दायरा बढ़ रहा है। जिसका कारण जिले की कृषि भूमि में फसल चक्र परिवर्तन नहीं करना है। यानि किसान बार-बार एक ही फसल की बिजाई कर रहे हैं। खेत की सेहत बिगड़ने की वजह से उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। फसल चक्र परिवर्तन नहीं अपनाया गया, तो बंजर भूमि का दायरा बढ़ सकता है।
लगातार एक फसल बिजाई करने से होती है भूमि बंजर
खेत में लगातार एक ही फसल लेने से खेतों का उपजाऊपन कम हो रहा है। फसलों को 16 तत्वों की जरूरत है, लेकिन उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान यूरिया अधिक मात्रा में डालते हैं। इसकी अधिकता से अन्य तत्व प्रभावित होते हैं और पौधे नहीं बढ़ पाते। इससे उत्पादन प्रभावित होता है। खेत में किस तत्व की कमी है, इसे जानना बेहद जरूरी है। किसान जैविक खाद के प्रयोग से भूमि को बंजर होने से बचा सकते हैं। किसान फसल चक्र परिवर्तन जैसे धान की जगह दलहनी फसल लें। पोषक तत्वों की कमी से बढ़ती है फसल में बीमारी
भूमि में पोषक तत्वों की कमी से फसलों में बीमारियां होती है। बचाव करने में किसानों को भारी खर्च करना पड़ता है। इसके बाद भी पैदावार उम्मीद के अनुरूप नहीं होती है। फसलों को सबसे ज्यादा पोटाश, फासफोरस, ¨जक, कॉपर, आयरन, नाइट्रोजन की जरूरत है। इसकी पूर्ति नहीं होने से पैदावार पर असर पड़ता है। ¨जक की कमी से खैरा रोग होता है। इससे पौधे का रंग तांबे की तरह दिखता है और मुरझा जाता है। कॉपर की कमी से नए पत्ते पीले पड़ जाते हैं। आयरन से पौधे की नसों की मोटाई कम हो जाती है। फासफोरस से पौधे की जड़ें नहीं बढ़ पाती और नाइट्रोजन से पत्ते आधा हरा-आधा पीला पड़ता है। बंजर भूमि के लक्षण
बंजर होने से भूमि के ऊपर काई की हरी परत, चटकी हुई मिट्टी, काले स्लेटी धब्बे और नमक की सफेदी आ जाती है। यह भूमि के बंजर होने के लक्षण है।
::::किसान भूमि को बंजर होने से बचाने का प्रयास करें। किसान भूमि की मिट्टी जांच करवाए। इसके बाद भूमि में जिन पोषक तत्वों की कमी है। उसी हिसाब से खाद का प्रयोग करें। किसान ज्यादा से ज्यादा जैविक खादों का प्रयोग करें।
डा. बाबूलाल, उपनिदेशक, कृषि विभाग