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डेढ़ वर्ष से लंबित हैं डबवाली नप के प्रधान के चुनाव, कई बार एसडीएम से कर चुके हैं मुलाकात

डेढ़ साल से लंबित डबवाली नगरपरिषद चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन चुनाव का

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:15 AM (IST)
डेढ़ वर्ष से लंबित हैं डबवाली नप के प्रधान के चुनाव, कई बार एसडीएम से कर चुके हैं मुलाकात
डेढ़ वर्ष से लंबित हैं डबवाली नप के प्रधान के चुनाव, कई बार एसडीएम से कर चुके हैं मुलाकात

संवाद सहयोगी, डबवाली : डेढ़ साल से लंबित डबवाली नगरपरिषद चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन चुनाव का मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के दरबार में पहुंच गया। कांग्रेस तथा इनेलो समर्थित पार्षदों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। पार्षदों के अनुसार विकास न होने का ठीकरा प्रधान-उपप्रधान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करके भुगतना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव 11 जुलाई 2019 को पारित हुआ था। इसके बाद उपमंडल अधिकारी (नागरिक) अपनी शक्तियों का प्रयोग करने लगे। करीब डेढ़ साल में सिर्फ दो साधारण बैठक हुई हैं।

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---- चुनाव के वक्त एसडीएम छुट्टी पर चले गए

पार्षदों ने पत्र में एसडीएम अश्विनी कुमार का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि विधायक अमित सिहाग ने विधानसभा के पटल पर डबवाली नगरपरिषद के प्रधान-उपप्रधान पद के चुनाव न करवाने का मुद्दा उठाया तो चुनाव के लिए 10 अक्टूबर 2020 निश्चित कर दी गई थी। एसडीएम अश्विनी कुमार को पीठासीन अधिकारी का दायित्व सौंपा गया था। लेकिन अचानक उनके बीमार होने की सूचना भेजी गई। ---- ये भी कहा

पार्षदों के अनुसार वे पीठासीन अधिकारी से चुनाव की तिथि निश्चित करने की मांग कर चुके हैं। दो बार लिखित में दिया। उन्होंने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। आरोप है कि एसडीएम अश्विनी कुमार ने मौखिक रूप से बताया कि अधिकारियों व सरकार में उच्च पदों पर बैठे नेताओं का आदेश है कि चुनाव न करवाए जाएं। ज्यादातर पार्षद कांग्रेस समर्थित हैं। ----संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर पार्षद युद्धवीर रंगीला, रविद्र कुमार बबलू, मधु बागड़ी, टेकचंद छाबड़ा, विकास छाबड़ा, रविद्र बिदु, विनोद बांसल आदि के हस्ताक्षर हैं। पार्षदों ने मामले की गहनता से जांच करवाने के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। न्याय के लिए पार्षदों ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, हरियाणा के राज्यपाल समेत शहरी स्थानीय निकाय के अतिरिक्त प्रधान सचिव को पत्र भेजा है।


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