शैक्षणिक संस्थान की पहचान विद्यार्थी से होती है : शुक्ला
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग की वरिष्ठ प्रो. अनु शुक्ला ने क
जागरण संवाददाता, सिरसा : चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग की वरिष्ठ प्रो. अनु शुक्ला ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की पहचान वहां के विद्यार्थियों से होती है और विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास का जिम्मा प्राध्यापकों का होता है। एक अच्छे प्राध्यापक को विद्यार्थियों की रूचि के अनुसार अध्यापन शैली विकसित करनी चाहिए। प्रो. अनु शुक्ला ने मानविकी संकाय द्वारा आयोजित फैकल्टी ओरिएंटेशन कार्यक्रम में उद्घाटन स्तर में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कही। उन्होंने कहा की विद्यार्थियों की छिपी हुई प्रतिभा को तराशने का कार्य एक अच्छा प्राध्यापक करता है। उन्होंने प्राध्यापकों को अधिक से अधिक अध्यापनशील होने की सलाह दी। ---भारतीय शिक्षा पद्धति विश्व की श्रेष्ठ शिक्षा
उन्होंने कहा की भारतीय शिक्षा पद्धति विश्व की श्रेष्ठ शिक्षा पद्धति है। अध्यापन के महत्व को समझते हुए ही अध्यापक को राष्ट्र निर्माता की संज्ञा दी गई है। प्रोफेसर शुक्ला ने कहा की वर्तमान समय में फैकल्टी डेवलपमेंट जैसे कार्यक्रम समय की मांग है और अधिक से अधिक भारतीय शिक्षकों को प्रशिक्षित करके अंतरराष्ट्रीय स्तर के गुणवत्तापूर्वक शिक्षा के मानकों को अर्जित किया जा सकता है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सेवा सिंह बाजवा ने कहा की प्राध्यापकों को नैतिक शिक्षा के मूल्यों के बारे में जानकारी देते हुए विद्यार्थियों में सहयोग, करुणा, समानता, सहानुभूति, सहनशीलता, परित्याग, कृतज्ञता, स्वच्छता, देशभक्ति, उत्तरदायित्व एवं मैत्री जैसे मूल्यों की उत्पत्ति एवं विकास पर बल देना चाहिए। ताकि वे शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात मानवीय गुणों से ओतप्रोत होकर अच्छे नागरिक बन सके। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. अमित सांगवान ने भारतीय शिक्षा पद्धति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस प्रकार तकनीक की मदद से शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय किया जा सकता है। इस अवसर पर डा. राजाराम, डा. सीमा, डा. चरणजीत, रमनदीप, सुनीता, रामदेव, राहुल मौजूद रहे।