ससुराल आकर पूरी की ग्रेजुएशन, पति की प्रेरणा से बनी वकील
संवाद सहयोगी डबवाली महिलाएं चूल्हे चौके से निकल कर अनेक क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित
संवाद सहयोगी, डबवाली :
महिलाएं चूल्हे चौके से निकल कर अनेक क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित करने के आयाम खड़े कर रही हैं, फिर भला कानून का क्षेत्र कैसे अछूता रह जाता। मंगलवार को उप तहसील गोरीवाला में गोरीवाला गांव की माहर परिवार की बहू शीला धीरज महारुद्रा ने वकालत के पेशे की शुरुआत की। कहा जा रहा है कि उप तहसील गोरीवाला में पहली महिला वकील हैं। उन्होंने पिछले साल एनएम कालेज हनुमानगढ़ से वकालत पूरी की। उसके बाद चंडीगढ़ हाई कोर्ट में इनरोल होने के पश्चात मंडी डबवाली सिरसा कोर्ट में अपनी रजिस्ट्रेशन करवाई थी। ससुराल उप तहसील गोरीवाला में प्रेक्टिस शुरू की। इस मौके पर उनके परिवार के बड़े बुजुर्ग व महिलाएं उपतहसील में पहुंची। उन्होंने बताया जब उनकी शादी हुई थी, उस समय वह बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। ससुराल की इजाजत मिलने पर ग्रेजुएशन पूरी की। ससुराल में पढ़ाई जारी रखते हुए एमए (हिदी), एमए (इतिहास) व बीएड पूरी की। हनुमानगढ़ के रावतसर के बुधवालिया गांव से संबंध रखने वाली शीला ने बताया कि उसके पति धीरज महारूद्रा भारतीय प्रजापति महासभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष हैं। उन्हीं की प्रेरणा से इस मुकाम तक पहुंची हूं। संविधान में रहकर सभी की आवाज उठाऊं
अधिवक्ता शीला के अनुसार मेरी कोशिश रहेगी कि महिलाओं, बच्चों तथा किसानों के लिए संविधान के दायरे में रहते हुए सभी की आवाज को उठाऊं। महिलाओं को उनके हक के बारे में जागृत करूं। उन्होंने कहा कि उप तहसील गोरीवाला जैसे ग्रामीण परिवेश से अपनी वकालत शुरू करने जा रही हूं ताकि पीड़ित महिलाओं की आवाज बन सकूं।