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बाजार से अधिक मुआवजा की मांग को लेकर धरना दिया

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित 60 मीटर चौड़े बाइपास के लिए अपनाई जा रही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया से किसान खुश नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:30 AM (IST)
बाजार से अधिक मुआवजा की मांग को लेकर धरना दिया
बाजार से अधिक मुआवजा की मांग को लेकर धरना दिया

संवाद सहयोगी, डबवाली: भारत माला प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित 60 मीटर चौड़े बाइपास के लिए अपनाई जा रही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया से किसान खुश नहीं है। शनिवार को जोगेवाला गांव के किसान धरने पर बैठ गए। किसानों ने दो टूक कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक वे किसी अधिकारी को जमीन में कदम नहीं रखने देंगे।

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किसान निर्मल सिंह, प्यारा सिंह, जगसीर सिंह, संदीप सिंह, हरमंदर सिंह, गुरसेवक सिंह, सुरजीत सिंह, जसपाल सिंह, जगतार सिंह आदि ने बताया कि जोगेवाला गांव की करीब 25 एकड़ जमीन बाइपास में आई है। सरकार ने 45 मीटर जगह अधिग्रहण करने का नोटिस थमाया था। उसके मुताबिक 26.25 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की बात कही गई थी। अब अतिरिक्त 15 मीटर जमीन अधिग्रहण का नोटिस मिला है। उसके मुताबिक जमीन का अधिग्रहण 25 लाख प्रति एकड़ होगा। जोकि उन्हें स्वीकार नहीं।

किसानों के अनुसार उनकी जमीन का बाजार मूल्य 40 लाख रुपये प्रति एकड़ है। जमीन अधिग्रहण के बाद करीब 60 से 70 किसान ताउम्र के लिए प्रभावित होंगे। अधिकतर छोटे किसान शामिल हैं। वे बाजार मूल्य से जमीन को 4 गुणा मूल्य पर देने को तैयार हैं। किसानों के अनुसार अधिग्रहण होने से उनकी जमीन का रकबा दो हिस्सों में बंट जाएगा। ऐसे में उन्हें रास्ता, खराब हुए खाल या नलकूपों का प्रबंध, भूमि में आने वाले मकान या पेड़ों का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए। किसानों ने विधायक अमित सिहाग को मांग पत्र देकर मदद की गुहार लगाई है।

प्रति एकड़ एक करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं किसान

संवाद सहयोगी, डबवाली :

भारत माला प्रोजेक्ट का रास्ता कठिन होता जा रहा है। चौटाला गांव के किसानों ने उपायुक्त की अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पहली सुनवाई 10 मार्च को होनी है।

किसान नेता दया राम उलाणियां ने बताया कि मुआवजा निर्धारित करने में भेदभाव किया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चौटाला से आसाखेड़ा तक करीब 13 किलोमीटर में मुआवजा निर्धारण के लिए अलग-अलग मापदंड बनाए गए है। राजस्थान सीमा से चौटाला गांव की ओर तीन किलोमीटर के दायरे में किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले 40 लाख रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा है। उससे आगे 10 किलोमीटर दूरी तक 86 लाख प्रति एकड़ दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत डबवाली के 10 गांवों की जमीन अधिगृहीत की जा रही है। सभी में विरोधाभास है। किसान प्रति एकड़ एक करोड़ रुपये मुआवजा की मांग कर रहे हैं।

उलाणियां के अनुसार वे मामले को हिसार आयुक्त के दरबार तक ले गए थे। केस को सुनवाई के लिए डीसी सिरसा के पास भेज दिया गया है। चौटाला गांव के 20 से ज्यादा किसानों ने अलग-अलग दावा पेश किया है।


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