बेटियों ने नाटक के जरिए दिखाया खेजड़ली बलिदान
संवाद सहयोगी, डबवाली : गुरू जंभेश्वर भगवान के 568वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में श्री जंभवाणी हि
संवाद सहयोगी, डबवाली : गुरू जंभेश्वर भगवान के 568वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में श्री जंभवाणी हरिकथा के 5वें दिन आचार्य सत्यदेवानंद ने गुरु जंभेश्वर भगवान के शब्द संख्या 20 की व्याख्या की। इस मौके पर बेटियों ने खेजड़ली बलिदान नाटक का सुंदर भव्य मंचन भी किया गया। इसमें दिखाया गया कि किस प्रकार अमृता देवी बिश्रोई व बिश्रोई समाज के 363 अन्य लोगों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर पेड़ों की रक्षा की थी। उनके बलिदान के समक्ष उस समय महाराजा अभय ¨सह को भी झुकना पड़ा और पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलवाने के लिए उन्हें बिश्रोई समाज से माफी मागी और कहा कि आज के बाद वो पेड़ नहीं कटवाएंगे। वर्षों पूर्व हुई महान बलिदान की यह घटना पूरे विश्व के लिए प्रेरणीय है। इस नाटक को उपस्थिति लोगों ने खूब पसंद किया व बच्चियों की सराहना की।
नाटक के बाद रवीना धारणिया ने एक भजन'मै पत्थर पूजा नां करूं, मेरा ईश्वर में विश्वास है, मैं बिश्रोइयों की लाड़ली सुनाकर खूब प्रशंसा बटोरी। सभा सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि बिश्रोई धर्मशाला में जाभाणी साहित्य की लाइब्रेरी की स्थापित की गई है। इसका उद्घाटन रविवार सुबह 8 बजे प्रधान कृष्ण जादूदा की अध्यक्षता में विनोद कुमार कानूनगो द्वारा जाएगा। इसके बाद शहर में आचार्य सत्यदेवानंद के सांनिध्य में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी जिसमें मुख्यातिथि अखिल भारतीय बिश्रोई महासभा शाखा हिसार के अध्यक्ष सहदेव कालीराणा होंगे।