नहर बंदी से प्रभावित हो रही कपास की बिजाई
किसानों को सिचाई पानी नहीं मिलने से कपास की बिजाई शुरू नहीं क
जागरण संवाददाता, सिरसा:
किसानों को सिचाई पानी नहीं मिलने से कपास की बिजाई शुरू नहीं कर पा रही है। भाखड़ा से निकलने वाली सभी नहरें व माइनर 20 अप्रैल तक बंद रहेगी। कपास की अगेती बिजाई का समय अभी चल रहा है। जिले में कृषि विभाग ने कपास की बिजाई के लिए 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है। कपास की अगेती बिजाई 30 अप्रैल तक होगी।
वाराबंदी से छोड़ा जाता है पानी
जिले की नहरों व माइनरों को तीन ग्रुप में बांटा हुआ है। जिनमें ग्रुप के हिसाब से 16 दिन बंद व 16 दिन नहरें चलती है। किसानों को बिजाई के समय अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाता है। वहीं मरम्मत या अन्य कारणों के चलते भी पानी में कटौती कर दी जाती है। इससे किसानों को बिजाई करने में परेशानी आती है। जिले में कई किसान ट्यूबवेल के पानी से सिचाई कर बिजाई करते हैं। जहां ट्यूबवेलों का पानी लवणीय होने से भूमि को नुकसान होता है। इसी के साथ किसानों को आर्थिक तौर पर भी नुकसान होता है।
20 तक रहेगी बंद
जिले में अभी फतेहाबाद ब्रांच से नहराना हेड से निकलने वाली नहरें चल रही है। भाखड़ा से निकालने वाली नहरों में 20 अप्रैल तक पानी बंद रहेगा। भाखड़ा से मम्मड़ खेड़ा, कालुआना, केवल, मिठड़ी, डबवाली, मौजगढ़, जंडवाला, चौटाला, तेजाखेड़ा, लंबी, खुईयां, रंगा, शेखुपुरिया, ओटू, अबुतगढ़ व अन्य नहरें बंद रहेगी।
पेयजल में कटौती की बंद
भाखड़ा से निकलने वाली नहरों में पहले 25 अप्रैल को पानी छोड़ा जाना था। जिसको लेकर पब्लिक हेल्थ विभाग ने पानी में 20 फीसद तक कटौती कर दी थी। अब नहरों में 20 अप्रैल को पानी छोड़ा जाएगा। जिस पर विभाग ने सोमवार से कटौती बंद कर दी है। जिससे शहरवासियों व ग्रामीणों को पहले के हिसाब से ही पानी मिलेगा। । गर्मी में पानी की बढ़ी खपत
गर्मी बढ़ने के साथ-साथ पानी की खपत भी बढ़ रही है। नहरों व माइनरों में पानी की बंदी होने से परेशानी भी आ रही है। पब्लिक हेल्थ विभाग पानी की बचत करने की अपील कर रहा है। इस पानी बंदी के दौरान पानी का आवश्यकतानुसार ही उपयोग करके पानी की बचत करें, ताकि पीने के पानी की कोई समस्या उत्पन्न ना हो। शहर में प्रतिदिन करीब 7 करोड़ लीटर पानी की सुबह शाम सप्लाई की जाती है। भाखड़ा से आनी वाली नहरों में 20 अप्रैल को पानी आ जाएगा। जिस पर पानी में की गई कटौती को वापस ले लिया है। पहले 20 फीसद पानी की कटौती कर दी गई थी।
आरके शर्मा, कार्यकारी अभियंता, पब्लिक हेल्थ विभाग