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एमएसपी से कम भाव पर बिक रही कपास, किसान बोले-सीसीआइ करे रिजेक्ट ढेरियों की खरीद

करीब एक माह पूर्व डबवाली अनाज मंडी में कपास का भाव आसमान छू रहा

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:18 PM (IST)
एमएसपी से कम भाव पर बिक रही कपास, किसान बोले-सीसीआइ करे रिजेक्ट ढेरियों की खरीद
एमएसपी से कम भाव पर बिक रही कपास, किसान बोले-सीसीआइ करे रिजेक्ट ढेरियों की खरीद

संवाद सहयोगी, डबवाली : करीब एक माह पूर्व डबवाली अनाज मंडी में कपास का भाव आसमान छू रहा था। दो नवंबर को न्यूनतम मूल्य 7800 था तो सर्वाधिक मूल्य 9225 रुपये प्रति क्विंटल था। तीन तथा चार नंबर को न्यूनतम मूल्य 7950 तो सर्वाधिक मूल्य 9080 था। करीब एक माह बाद भाव की तेजी विपरीत दिशा की ओर बढ़ रही है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6025 रुपये प्रति क्विंटल नहीं मिल रहा है। बोली 5000 रुपये से शुरू होती है। हालांकि सर्वाधिक भाव 8000 पार हो रहा है। मार्केट कमेटी डबवाली के आंकड़ों को देखें तो तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाती है।

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आंकड़ों से पता चलता है कि 30 नवंबर को बोली न्यूनतम 5400 तक रही जबकि सर्वाधिक मूल्य 8620 रुपये था। एक दिसंबर को न्यूनतम 5500 तो 8615 उच्च भाव रहा। दो-तीन दिसंबर को स्थिति ज्यादा खराब हो गई। प्रति क्विंटल 5000 रुपये की बोली लगी, जबकि सर्वाधिक मूल्य 8300 से 8500 रुपये था। चार दिसंबर को 5800 से 8300 रुपये के बीच कपास बिकी। छह दिसंबर को स्थिति कुछ बेहतर हुई। कपास 6000 से 8440 रुपये बिकी। करीब ढाई हजार क्विंटल कपास की खरीद हुई। इधर एमएसपी से कम मूल्य पर बोली शुरू होने से किसान नाराज है। किसानों का कहना है कि वे एमएसपी से कम मूल्य पर फसल नहीं बचेंगे। किसानों ने मांग की कि जिन ढेरियों को रिजेक्ट करके एमएसपी से कम भाव दिया जा रहा है, उसकी खरीद सीसीआइ से करवाई जाए।

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मार्केट कमेटी को लाखों की कमाई

मार्केट कमेटी रिकार्ड अनुसार पांच दिसंबर तक डबवाली में 142410 क्विंटल कपास की खरीद हो चुकी है। जिससे मार्केट कमेटी को 43 लाख 98 हजार 527 रुपये मार्केट फीस के तौर पर मिले है। पिछले वर्ष इस अवधि तक 16 लाख 59 हजार 325 रुपये की आय हुई थी। इस वर्ष कपास ज्यादा आने से मार्केट कमेटी को पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष तीन गुना अधिक कमाई हुई है।

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किसानों को लगता है कि वे एमएसपी से कम मूल्य पर फसल नहीं बेचना चाहते और उनकी फसल की खरीद सीसीआइ करे तो वे मुझे लिखकर दें। मैं आगामी कार्रवाई के लिए उसे सीसीआइ के पास भेज दूंगा। अभी तक इस मामले में एक भी किसान मेरे पास नहीं आया है।

-वीरेंद्र मेहता, सचिव, मार्केट कमेटी, डबवाली।


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