पराली जलाने के मामले की जांच के लिए केंद्रीय टीम पहुंची सिरसा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट प
जागरण संवाददाता, सिरसा : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने से पूर्व हालात जानने के लिए केंद्रीय टीम को निरीक्षण के लिए फील्ड में भेजा है। कैथल, करनाल, फतेहाबाद के बाद टीम शनिवार को सिरसा पहुंची और यहां आठ गांवों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली और किसानों से पराली जलाने को लेकर चर्चा की। सुबह नौ बजे ही टीम फतेहाबाद से सिरसा पहुंच गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने 30 गांवों की सूची ली हुई थी जहां पिछले तीन सालों से पराली जलाने के सर्वाधिक मामले सामने आए थे, इन्हीं में से आठ गांवों का टीम ने दौरा किया। टीम ने शहीदांवाली, फरवाई, सिकंदरपुर, पतलीडाबर, केलनिया, जोधकां, भावदीन व माधो¨सधाना पहुंची। यहां टीम के सदस्यों ने कस्टम हॉयर सेंटर में सरकार द्वारा दिए गए उपकरणों को जांचा, सबसिडी की जानकारी ली और इसके बाद खेतों की ओर रूख कर लिया। मशीनों से पराली कटते हुए भी देखा
गांवों में सोसाइटी के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई मशीनों से पराली को काटने के मामले की भी टीम ने जानकारी ली है। टीम दो गांवों में खेतों में पहुंची और वहां पराली काटने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी हासिल की। यहां किसानों ने बताया कि यदि पराली को हटाया न जाए तो अगली फसल की सही बुआई नहीं होती और उन्हें इसका नुकसान होता है। उन्होंने पराली को पशुचारा व अन्य जगह उपयोग करने पर भी चर्चा की। जल रही थी पराली, रूकवा ली गाड़ी
केंद्रीय टीम सिरसा में दौरे पर थी और कृषि विभाग को इसकी जानकारी भी थी। यहां दो स्थानों पर जागरूकता करते हुए कृषि विभाग की गाड़ियां मिली, जिनमें पराली न जलाने का प्रचार किया जा रहा था। गांव में पराली न जलाने के बैनर भी दिखे, लेकिन इसके बावजूद टीम को जोधकां से भावदीन के रास्ते पर पराली जलते हुए मिली। वरिष्ठ वैज्ञानिक उसी खेत में पहुंच गए और यहां उन्होंने वीडियोग्रॉफी भी की।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में पराली को लेकर रिपोर्ट पेश करनी है। इसलिए उसकी एक सदस्यीय टीम सिरसा आई। टीम ने खेतों में जाकर जांच की है। जांच के कई मापदंड रखे गए थे। देर शाम को टीम वापिस लौट गई है। सबसे अधिक पराली जलाने वाले 30 गांवों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास थी उन्हीं में से आठ गांवों का दौरा किया गया है।
- अप्रनेश कौशिक, एसडीओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड