चाइनीज सामान का बहिष्कार, इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी की खरीद के लिए नहीं मिल रहा ग्राहक
जागरण संवाददाता सिरसा भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के कारण अब लोगों में चाइनीज
जागरण संवाददाता, सिरसा :
भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के कारण अब लोगों में चाइनीज सामान का बहिष्कार करना भी शुरू कर दिया है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इसका सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन से पहले विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी का काफी अधिक क्रेज लोगों में छाया हुआ था। लेकिन भारत और चीन के बीच पनपने विवाद के बाद से इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी की डिमांड अब न के बराबर रह गई है।
लॉकडाउन से पहले विभिन्न एजेंसियों में एक माह में लगभग 40 स्कूटियों की सेल होती थी लेकिन अब सेल न के बराबर है। अनलॉक को एक माह बीत गया है। एजेंसियों की ओर से एक भी स्कूटी की सेल नहीं की गई है। वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने और लॉकडाउन के कारण शोरूम संचालकों को भी इसका काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बजाज एजेंसी की बात करें तो कम पेट्रोल में अधिक दूरी तय करने वाले बाइक की डिमांड कुछ हद तक बढ़ी है लेकिन अधिक तेल की खपत करने वाले बाइक की डिमांड न के बराबर हो चुकी है।
टीवीएस बाइक की 70 फीसद तक कम हुई डिमांड
लॉकडाउन के बाद टीवीएस कंपनी के बाइक की डिमांड पहले के मुकाबले बेहद कम हो चुकी है। वहीं टीवीएस और सुजुकी एजेंसी मैनेजर रोहताश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन से पहले एक माह में वह 150 के लगभग बाइक की सेल करते थे लेकिन अब सेल केवल 50 तक ही सीमित हो गई है। जबकि इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी की खरीद के लिए कोई भी ग्राहक शोरूम में नहीं पहुंच रहा है। इसका कारण भारत और चीन सीमा का विवाद है।
पुराने बाइक की बढ़ी डिमांड
नए बाइक के मॉडल में बदलाव के साथ कई नए फीचर अपग्रेड किए गए है। जिसके कारण बाइक की कीमत पहले से 10 से 15 हजार तक बढ़ चुकी है। कीमत बढ़ने के साथ ही अब ग्राहक पुराने बाइक की तरफ ध्यान दे रहे है। वहीं पेट्रोल के दाम बढ़ने के कारण अधिक तेल खपत वाले बाइक की डिमांड भी कम हो चुकी है।