आज भी प्रेरणा दे रहे हैं भगत ¨सह के विचार : अख्तर
जागरण संवाददाता, सिरसा : भगत ¨सह संस्थान की ओर से शहीदी दिवस एवं भगत ¨सह जयंती समारोह श्री
जागरण संवाददाता, सिरसा : भगत ¨सह संस्थान की ओर से शहीदी दिवस एवं भगत ¨सह जयंती समारोह श्री युवक साहित्य सदन में मनाया गया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक हामिद अख्तर मुख्यातिथि थे तथा पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चोपड़ा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। पर्यावरण कार्यकर्ता एडवोकेट रमेश गोयल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संरक्षक पूरन मुद्गल ने संस्थान का परिचय कराया और गतिविधियों का विवरण दिया। कार्यक्रम में 41 मेधावी विद्यार्थियों को करीब एक लाख रुपए की राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान की गई। मंच संचालन करते हुए सचिव विशाल वत्स ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यातिथि हामिद अख्तर ने कहा कि जिस समाज की संरचना के लिए भगत ¨सह ने लड़ाई लड़ी और अपने जीवन का बलिदान दिया, उस समाज की संरचना अभी तक नहीं हो पाई है। अंग्रेजों ने भगत ¨सह को नहीं उनके विचार को फांसी देने का प्रयास किया था लेकिन भगत ¨सह का विचार आज भी ¨जदा है और प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि भगत ¨सह के विचारों को युवा पीढ़ी तक ले जाने में और शिक्षा की ज्योति को अधिक प्रज्जवलित करने में संस्थान बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को आत्म¨चतन करना चाहिए और जाति, धर्म व क्षेत्रवाद के नाम पर बांटने वालों से सावधान रहना चाहिए। पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चोपड़ा ने कहा कि ईमानदार व समाज के प्रति वचनबद्ध लोगों को ईश्वर का दर्जा देकर पूजना चाहिए और भ्रष्ट लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। मुख्य वक्ता गुरबख्श मोंगा ने भगत ¨सह के जीवन पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि भगत ¨सह का ही विचार है जो हमें इस अंधेरे युग में रोशनी दिखा सकता है। पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश गोयल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को बदले तो समाज में बदलाव आ सकता है। इंद्रजीत सेतिया ने वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि संस्थान अब तक 385 विद्यार्थियों को 13 लाख रुपए की छात्रवृति दे चुका। कार्यक्रम में चिमन भारतीय व सुरेश वर्णवाल ने कविताएं प्रस्तुत की। संस्थान के प्रधान बी.डी शर्मा ने सबका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रवीण बागला, घनश्याम मेहता, नरेंद्र ग्रोवर, डा. एसआर ¨जदल, सुखचैन ¨सह भंडारी, डा. ओमप्रकाश, हरदयाल बेरी, प्रशांत गुप्ता, स्वतंत्र भारती सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।