शुक्र है यहां दशहरे पर शांति से जला रावण, वरना हालात थे कुछ अमृतसर जैसे ही
डबवाली में भी दशहरे के दिन अमृतसर जैसे ही हालात थे। यहां भी रेलवे ट्रेक नजदीक रावण दहन कार्यक्रम था।
जेएनएन, डबवाली [सिरसा]। डबवाली में भी दशहरे के दिन अमृतसर जैसे ही हालात थे। यहां भी रेलवे ट्रेक नजदीक रावण दहन कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम वर्षों से होता आया है। लोग रेलवे ट्रेक पर खड़े रहते हैं, लेकिन अमृतसर की घटना के बाद अब प्रशासन व आयोजकों ने सबक लिया है। अगले वर्ष से यहां आयोजक रावण दहन का कार्यक्रम नहीं रखेंगे। यहां रामलीला मंचन व दशहरा कार्यक्रम से रेलवे को राजस्व प्राप्त होता है।
बीकानेर रेल मंडल के डीआरएम एके दुबे का कहना है कि रेलवे ट्रेक के किनारे मेला लगता है तो रेल की स्पीड कम कर दी जाती है। अगर जमीन रेलवे की है तो नियमानुसार मेले के लिए अनुमति दी जाती है। सुरक्षा प्रबंध स्थानीय प्रशासन ने देखने होते हैं।
रेल ट्रेक के पास रावण दहन कार्यक्रम करते लोग।
डबवाली में ट्रेक के किनारे रामलीला 1978 से चल रही है। अमृतसर में दशहरा के दौरान दर्दनाक हादसा हुआ था। वहीं, डबबाली में ठीक उसी समय 50 फुट ऊंचा जलता रावण का पुतला नीचे गिर गया था। गनीमत रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ, चूंकि उसी दौरान मालगाड़ी डबवाली-बीकानेर ट्रेक से निकली थी।1
अब स्टेडियम में मनाएंगे दशहरा
जय श्री रामनगर नाट्यशाला के प्रधान वासदेव मेहता ने बताया कि अमृतसर की घटना के बाद कमेटी ने निर्णय लिया है कि भविष्य में कभी भी रेल ट्रेक के किनारे मैदान में दशहरा नहीं मनाया जाएगा। दशहरा सिरसा हाईवे पर स्थित खेल स्टेडियम में मनाया जाएगा। अगर रेलवे मंजूरी देगा तो रामलीला मंचन जरुर पुरानी जगह पर किया जाएगा। करीब 20 साल से रेलवे फीस जमा करवाने के बाद रामलीला मंचित करने की मंजूरी देता आ रहा है। रेलवे को बैंक ड्राफ्ट के जरिए हजारों रुपये फीस दी जाती है।
रेलवे ट्रेक पर खड़े होकर दशहरा कार्यक्रम देखते लोग।
अमृतसर हादसे से सीखा सबक
एसडीएम सुरेंद्र बेनीवाल का कहना है कि अमृतसर जैसी स्थिति डबवाली में रहती है। रेल हादसे से सबक मिला है। पहले अनुमति पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर दी जाती थी। अब ऐसे आयोजनों की अनुमति कड़ी जांच के बाद दी जाएगी। इस संबंध में डीएसपी, तहसीलदार के साथ बैठक की जाएगी। पूरे मामले की समीक्षा की जाएगी।
डीएसपी किशोरी लाल का कहना है कि अमृतसर रेल हादसा बहुत बुरी घटना है। डबवाली में दशहरा पर्व रेल ट्रेक के नजदीक मनाया जाता है। बहुत सारे लोग ट्रेक पर होते हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए सिविल प्रशासन से बात की जाएगी। उसके बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे।