छात्र की मौत के बाद भी नहीं चेता प्रशासन
जलभराव के दौरान चौक में लगे हाई मास्क लाइट के पोल को छू लेने से
जागरण संवाददाता, सिरसा:
जलभराव के दौरान चौक में लगे हाई मास्क लाइट के पोल को छू लेने से छात्र की मौत के 20 दिन बाद भी दोबारा हादसा रोकने के प्रबंध नाकाफी हैं। जांच रिपोर्ट में कई अन्य कारणों के साथ करंट आने का एक प्रमुख कारण पोल की अर्थिंग न होना पाया गया है। अधिकारियों ने माना कि अर्थिंग होती तो करंट नहीं आता लेकिन इस जांच रिपोर्ट के बाद भी अभी तक संबंधित एरिया में अर्थिंग नहीं करवाई गई है। इससे फिर से हादसे का डर सताने लगा है। यह था मामला
नटार गांव के दो छात्र रोहित व पवन स्कूल की छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। सूरतगढि़या चौक में जलभराव के दौरान उनकी बाइक बंद हो गई। इसी दौरान छात्रों का हाथ बिजली के पोल को छू गया। हाई मास्क लाइट के इस पोल में करंट था और दोनों छात्र करंट की चपेट में आ गए। इस हादसे में रोहित निवासी नटार की मौत हो गई तथा पवन गंभीर रूप से झुलस गया था। इसके बाद प्रशासन ने जांच करवाई तो बिजली निगम व नगर परिषद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। लेकिन एडीसी की जांच में तीन विभागों को दोषी ठहरा दिया। जिसमें नगर परिषद, बिजली निगम तथा जन स्वास्थ्य विभाग को भी दोषी माना गया। एफआइआर के बहाने से नहीं कर रहे काम
पड़ताल की गई तो सामने आया कि नगर परिषद के अधिकारियों ने अभी तक अर्थिंग नहीं है क्योंकि हाई मास्क लाइट उनकी है। तर्क दिया जा रहा है कि फिलहाल इस पोल का बिजली कनेक्शन काटा हुआ है और पुलिस की जांच तक बदलाव करना उचित नहीं होगा। नगर परिषद के अधिकारी यह भी तर्क दे रहे हैं कि उस दिन भी बिजली के पोल से ही हाई मास्क पोल में करंट आया था उनकी लाइट बंद दी थी। इसलिए इसकी पूरी जांच बिजली निगम के अधिकारियों को भी करनी चाहिए जबकि निगम के अधिकारियों का तर्क है कि पहले भी उन्होंने हाई मास्क के लिए डायरेक्टर सप्लाई ले रखी थी। पोल उनका है तो जांच भी वहीं करें। जिम्मेवारी से बचना चाहते हैं
यह पोल नगर परिषद का है। हमने अपनी जांच कर ली है। नगर परिषद ने डायरेक्ट सप्लाई ली हुई थी। अर्थिंग का काम नगर परिषद को ही करना है। वे अपनी जिम्मेवारी का पल्ला दूसरों पर झाड़ना चाहते हैं।
भागीरथ
एक्सइएन, बिजली निगम अभी नहीं करवाई अर्थिंग
इस पोल की बिजली सप्लाई काट दी गई है। अभी अर्थिंग नहीं की गई है। इस मामले में एफआइआर दर्ज है। एफआइआर के होते किसी प्रकार का बदलाव करेंगे तो ठीक नहीं रहेगा। पहले पुलिस की जांच पूरी होनी चाहिए। कहीं न कहीं बिजली की तारों से ही उस दिन भी करंट आया था। हमारी सप्लाई तो उस दिन 6 बजे बंद हो गई थी। बिजली निगम ने सप्लाई शुरू की जिससे करंट आ गया।
निजेश कुमार
एक्सइएन, जन स्वास्थ्य विभाग