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आरटीए स्टाफ की लोकेशन बताने का सिरसा में भी चल रहा था खेल, क्लर्क सहित दो के खिलाफ केस दर्ज

भारी वाहन चालकों को आरटीए व उसके स्टाफ की लोकेशन की हर ज

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 06:30 AM (IST)
आरटीए स्टाफ की लोकेशन बताने का सिरसा में भी चल रहा था खेल, क्लर्क सहित दो के खिलाफ केस दर्ज
आरटीए स्टाफ की लोकेशन बताने का सिरसा में भी चल रहा था खेल, क्लर्क सहित दो के खिलाफ केस दर्ज

जागरण संवाददाता, सिरसा : भारी वाहन चालकों को आरटीए व उसके स्टाफ की लोकेशन की हर जानकारी रहती थी और सिरसा में वाहन चालकों को आरटीए के फील्ड में निकलते ही अलर्ट मिलता रहा। आरटीए की टीम के फील्ड में होने की जानकारी देने के मामले का खुलासा हो गया है और कराधान विभाग के क्लर्क सतबीर सिंह व राजू उर्फ मनजीत के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है। आरटीए की शिकायत पर नाथूसरी चौपटा थाना पुलिस में केस दर्ज हुआ और भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले की जांच ऐलनाबाद के डीएसपी को सौंपी गई है।

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30 दिसंबर को राजस्थान से कागदाना बॉर्डर से होते हुए नमक के दो ओवरलोड ट्रक सिरसा पहुंचने थे। आरटीए स्टाफ ने नेजिया के पास नाका लगाकर दोनों ट्रकों के ओवरलोड होने के कारण उन्हें जब्त कर लिया और फिर उन पर पैनल्टी लगाई गई। ट्रक रोकते ही मौके पर ड्राइवर ने बताया कि वे तो सतबीर को इंट्री देते हैं। टीम ने जब ज्यादा कुरेदने का प्रयास किया तो पता चला कि सतबीर ट्रक मालिकों के संपर्क में है और उन्हीं से लेनदेन करता है लेकिन टीम की लोकेशन बताई जाती है।

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सतबीर को फोन किया, मौके से सतबीर के नंबर पर भी की कॉल

ट्रक ड्राइवर ने टीम को सतबीर के बारे में बताया जिसके बाद सतबीर से कॉल करवाई गई। उसे टीम की जानकारी न होने बाबत पूछा गया। बताया गया कि सतबीर ने कहा कि जुर्माना वह भर देगा। इस मामले में उसका नाम न आए। इसके बाद टीम ने पूरे मामले से आरटीए हीरालाल को अवगत करवाया और आरटीए ने एसपी सिरसा से बात की। एसपी सिरसा ने इसे गंभीर मामला माना और तत्काल जांच के निर्देश दिए।

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वर्षों पुराना मिलेगा नेटवर्क, जांच में जुटी पुलिस

पुलिस को अंदेशा है कि बड़ा गैंग काम कर रहा है। जिसकी जड़ें काफी पुरानी हो गई हैं। जिसके खिलाफ केस दर्ज हुआ है उसके बारे में पुलिस जानकारी जुटाने में लग गई है। आरंभिक जानकारी में सामने आया है कि सतबीर और मनजीत उर्फ राजू मिलकर काम कर रहे हैं और बड़े स्तर पर ट्रक मालिकों के संपर्क में हैं।

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पुलिस की जांच में होंगे कई बड़े खुलासे

मैंने दो माह पहले ही पदभार संभाला है। लोकेशन देने का मामला मेरे सामने आया है। जिसके बाद इसकी पुलिस में शिकायत की गई है। जांच में कई बड़े खुलासे होंगे। कितने दिन से काम कर रहे हैं कौन-कौन लोग शामिल थे और लोकेशन हासिल करने का जरिया क्या था यह सब पता चलेगा। पुलिस की जांच में नामित किए गए दोनों से कुछ और जानकारियां भी हासिल हो सकती हैं। मेरे कार्यकाल के दौरान एक करोड़ से अधिक की राशि चालान हुए हैं। पकड़े गए दोनों ट्रकों पर 60 हजार व 64 हजार रुपये जुर्माना किया गया है।

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दो माह में हुए चालान का ब्योरा

माह कुल चालान ओवरलोड वाहन जुर्माना राशि नवंबर 115 55 44,52,400 दिसंबर 99 60 42,83,200 4 जनवरी तक 11 10 8 लाख पहले पूछते हैं लाइन क्लीयर है या नहीं

पुलिस सूत्रों के अनुसार रैकेट से जुड़े लोग पहले लोकेशन का पता करते हैं फिर कुछ लोगों के नंबर पर वाट्सएप मैसेज जाता है जोकि चालक संबंधित एरिया में प्रवेश से पहले मालिक से बात करते हैं। मालिक भी उन्हें पूछकर बताता है कि लाइन क्लीयर है या नहीं। लाइन क्लीयर का अर्थ आगे कोई चेकिग नहीं है।


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