200 आढ़तियों का कमीशन 4.80 करोड़, 72 घंटे में भुगतान न करने पर 46 लाख काटे
किसान की फसल का समय पर भुगतान न करने वाले करीब 200 आढ़तियों से ह
संवाद सहयोगी, डबवाली : किसान की फसल का समय पर भुगतान न करने वाले करीब 200 आढ़तियों से हैफेड ने 46 लाख रुपये की रिकवरी की है। बताया जाता है कि यह रिकवरी आढ़ती को मिलने वाले कमीशन से की गई है। रिकवरी की सूचना नोटिस के जरिए आढ़तियों तक पहुंचाई जा रही है। नोटिस में एजेंसी ने आढ़ती को तथ्य देते हुए यह भी बताया है कि उसने किस किसान की पेमेंट कितने दिन रोकी थी। उस मुताबिक 15 फीसद की दर से कमीशन में से ब्याज काट लिया गया है। कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें आढ़ती का कमीशन ब्याज से कम है। ऐसे मामले देखकर एजेंसी खुद हैरान है। इस बार अनाज की खरीद मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल के अनुसार हुई थी। पोर्टल के जरिए जिला मुख्यालय से पेमेंट सीधा आढ़तियों के खाते में आती थी। फिर आढ़ती उसे किसानों को भेजते थे। यह कार्य 72 घंटे में करना होता था। सरकार का आरोप है कि आढ़तियों ने ऐसा नहीं किया, जानबूझकर ब्याज का लाभ लेने के लिए पेमेंट रोके रखी। इससे किसानों को नुकसान हुआ।
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ब्याज के बाद आढ़तियों पर लस्टर लॉस की मार
बताया जाता है कि इलाके के आढ़तियों को हैफेड ने करीब 4.80 करोड़ रुपये कमीशन देना है। इसमें से करीब 46 लाख रुपये ब्याज के तौर पर काट लिए गए हैं। अब आढ़तियों को दोहरा झटका देने की तैयारी है। बताया जाता है कि सरकार ने अभी यह तय नहीं किया है कि लस्टर लॉस कौन भुगतेगा? लेकिन आदेश जरुर जारी कर दिए हैं कि आढ़ती के कमीशन में से प्रति क्विंटल 4.81 रुपये रोक लिए जाएं। इस प्रकार अकेले डबवाली में आढ़तियों के करीब 48 लाख रुपये रोक लिए गए हैं।
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आढ़ती पूछ रहे सवाल, नहीं मिल रहा जवाब
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के सचिव राजेश जिदल ने बताया कि हैफेड के साथ-साथ खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने भी गेहूं सीजन में खरीद के बाद कमीशन में कटौती की है। इससे पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया, न ही यह बताया गया कि ऐसा क्यों किया गया। 8 अगस्त को डीएफएससी को ई-मेल के जरिए कमीशन में कटौती की वजह पूछी गई थी, आज तक जवाब नहीं मिला है।
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आज करनाल में चर्चा करेगी आढ़तियों की 26 सदस्यीय कमेटी
हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के 26 सदस्य मंगलवार को सुबह 11 बजे करनाल में जुटेंगे। प्रवक्ता गुरदीप कामरा डबवाली ने बताया कि आढ़ती से बहुत गलत व्यवहार हो रहा है। वे आंदोलन की रुपरेखा बनाएंगे। संभव है कि हम अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।