200 साल पहले गिदड़बाहा से आए दो भाइयों ने बसाया था गांव रोहण
जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूरी पर छोटे से गांव रोहण आबाद है।
संवाद सहयोगी, रोड़ी : जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूरी पर छोटे से गांव रोहण आबाद है। लगभग दो हजार की आबादी वाले इस गांव का रकबा 1750 एकड़ है। कालांवाली विधानसभा क्षेत्र के अधीनस्थ इस गांव में 1375 मतदाता है। गांव के इतिहास बारे में पूर्व सरपंच जगसीर सिंह, जगजीत सिंह, मक्खन सिंह ने बताया कि गांव को 200 साल पहले बसाया था। गांव रोहण को पंजाब के गिदडबाहा से आए दो भाई थमण सिंह व बारा सिंह ने बसाया था। प्रथम सरपंच व नंबरदार भी थमण सिंह ही रहा है। गांव का रकबा फग्गू, रोडी व देसूखूर्द के साथ लगता है। गांव रोहण गांव में पंचायत घर, खेल स्टेडियम, पशु अस्पताल, आंगनबाड़ी केन्द्र, एएनएम सेंटर सहित मिडिल विद्यालय तो है लोगों की मांग है कि गांव में ही दसवीं कक्षा तक का विद्यालय बनवाया जाए। गांव में जट सिक्ख, प्रजापत तथा अन्य बिरादरियों के लोग मिलजुल कर रहते हैं। मौजूदा समय में यहां के ज्यादातर लोग खेतीबाड़ी पर आश्रित है और तकरीबन दर्जन भर से अधिक लोग सरकारी नौकरियों पर कार्यरत है। गांव में लोग पंजाबी भाषी है। --------- आदर्श ग्रीन जोन विकसित करने में जुटी ग्राम पंचायत गांव को हरा भरा करने के लिये पंचायत तथा वन विभाग की ओर से समय समय पर पौधारोपण किया जाता रहा है। जिनमें शीशम, आंवला, जामुन, पिपली, अमरूद, सफेदा सहित अन्य पौधे गांव के राम बाग के प्रांगण में लगाए गए। ग्राम पंचायत एक आदर्श ग्रीन जोनके रूप में विकसित होने के लिए प्रयासरत है। ------ गांव में है कई धार्मिक स्थल रोहण गांव में डेरा बाबा भगवान दास, खेत्रपाल व रोहण माई मन्दिर भी धार्मिक स्थल हैं। रोहण माई मन्दिर की दूर-दूर तक ख्यति है। मुंबई, कोलकाता तक से भक्त अपनी मन्नतें पूर्ण होने पर धोक लगाने के लिये यहां आते हैं।