सद्गुणो के विकास के लिए भक्ति परमावश्यक : स्वामी दिव्यानंद
जागरण संवाददाता, सिरसा भक्ति केवल कर्मकांड या पूजा पाठ ही नहीं अपितु जीवन में सद्गुणों को विकसित क
जागरण संवाददाता, सिरसा
भक्ति केवल कर्मकांड या पूजा पाठ ही नहीं अपितु जीवन में सद्गुणों को विकसित करने की साधना है। उक्त उद्गार श्री सनातन धर्म राधा कृष्ण मंदिर में सत्संग समारोह में डा. दिव्यानंद महाराज ने श्रद्धालुओं से कहे।
डा. दिव्यानंद ने कहा कि भक्ति पूजा में आत्मनिरीक्षण चाहिए, जैसे एक व्यापारी वर्ष में एक बार बैलेंस सीट बनाकर देखता है कि क्या कमाया और क्या गवाया। उसी प्रकार साधक भी स्वयं का निरीक्षण करता है। मैने देह इद्रिया, मन और बुद्धि से भजन कीर्तन तो बहुत किया, किंतु मेरे भीतर क्रोध, छल, कपट, लूट मार घटे या नहीं। इसी परिवर्तन के लिए ही भागवत कथा होती है, केवल मनोरजन के लिए नहीं। भगवान कृष्ण का अवतार गोकुल में होता है, गोकुल किसी स्थान का नाम नहीं। गौ का अर्थ है इद्रिया और कुल का अर्थ है समूह। यह शरीर भी इद्रियो का समूह ही है, पर गोकुल तभी बनेगा जब इद्रिया प्रेम भाव से भर जाएगी और तभी इसमें परमात्मा का अवतार होगा। जब गोकुल रूप भगवान हमारे भीतर होगे तब भय, भ्रम नहीं होगा। वासुदेव देवकी के प्रकट होकर भी वहा टिके नहीं भले ही उन्होने तय भी किया, जेल में रहे, क्योंकि वसुदेव देवकी के परिवार में कहीं भी प्रेम प्यार का बंधन नहीं था। इस अवसर पर मा. रोशन लाल गोयल, कुंदन लाल नागपाल, अमीर चावला,गुरदयाल मेहता, मनीष सिंगला, पप्पू आरेवाला, प्रदीप मेहता, राजकुमार खुराना, कश्मीरी लाल नरूला, प्रेम सहगल, अशोक गंडा मौजूद थे।
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कामधेनु चिकित्सालय का शुभारभ
सिरसा : चौधरी देवीलाल गोशाला में कामधेनु गाय चिकित्सालय का शुभारभ किया गया। कार्यक्रम में डा. दिव्यानंद महाराज ने गो पूजन के साथ चिकित्सालय का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोशाला के प्रधान कुंदन लाल नागपाल व संरक्षक कश्मीरी लाल नरूला ने की।