नींद आने पर सहम जाती है यह लड़की, परिवार के भी उड़ जाते हैं होश, जानें क्या है मामला
हरियाणा के हिसार की रहनेवाली एक युवती अजीबो-गरीब बीमारी से ग्रस्त है। इस बीमारी के कारण वह सोने से डरती है और उसका परिवार भी उसे नींद आने पर डर जाता है।
रोहतक, [विनीत तोमर]। नींद सभी को अच्छी लगती है। शरीर में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए नींद लेना जरूरी भी होता है। मगर एक युवती ऐसी भी है, जो नींद का नाम लेते ही डर जाती है। बेटी के सोने से उसके परिजन भी डरते हैं। इसके पीछे की वजह है युवती की अजीबो-गरीब बीमारी। इस बीमारी की वजह से नींद से जागने के बाद कुछ देर के लिए पहले की सभी बातें भूल जाती है। उसका स्वभाव भी एकदम से बदल जाता है। डाक्टरों के मुताबिक ये लक्षण बाईपोलर मूड डिसऑर्डर बीमारी के हैं, जिसके बहुत कम केस मिलते हैं।
अजीबो-गरीब बीमारी, नींद से जागते ही युवती की चली जाती है याद्दाश्त
हिसार निवासी 21 वर्षीय युवती को उसके माता-पिता पीजीआइ में उपचार कराने के लिए लेकर पहुंचे थे। परिजनों ने बताया कि युवती कुछ समय पहले तक ठीक थी। एक दिन दोपहर के समय युवती घर में सो रही थी। इसी दौरान पड़ोस में एक महिला की मौत हो गई, जिस पर उसके परिजन और रिश्तेदार रो रहे थे।
डाक्टरों के अनुसार, बाईपोलर मूड डिसऑर्डर बीमारी का शिकार है युवती
रोने की आवाज सुनकर युवती अचानक उठी और अजीबो-गरीब बर्ताव करने लगी। वह कभी सिर पकड़कर बैठने लगती तो कभी अपने आप ही खिलखिलाने लगती। अगले दिन सुबह जब वह नींद से उठी तो पुरानी बातें भूल चुकी थी। उसे यह भी याद नहीं रहा कि रात में क्या खाया था और उसके परिवार में कौन-कौन सदस्य है। यही नहीं कभी वह उदास होती तो अगले ही पल हंसने लगती। अब स्थिति यह है कि जब भी वह नींद से जागती है तो काफी देर तक परिजन उसे पुरानी बातें याद दिलाते हैं, तब जाकर वह सामान्य अवस्था में आती है।
------
'' इस तरह यदि किसी का स्वभाव अचानक बदलता है तो ऐसे में वह बाईपोलर मूड डिसऑर्डर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में परिजन को मरीज का खास ध्यान रखना चाहिए। कई बार हादसे या फिर इंसान के सामने ऐसी कोई घटना हो जाती है, जिस कारण वह ऐसी स्थिति में पहुंच सकता है।
- डाॅ. राजीव गुप्ता, निदेशक कम सीईओ मानसिक स्वास्थ्य संस्थान।
-------
'' बाईपोलर मूड डिस आर्डर के तहत दो तरह के केस सामान्य तौर पर आते हैं। जिसमें मेनिया और डिप्रेशन वाले मरीज होते हैं। मेनिया के लक्षणों में मरीज का दिमाग सामान्य से काफी तेज चलता है। वहीं डिप्रेशन के तहत मेनिया के उलट और अवसाद पूर्ण रहता है। विश्व में डेढ़ फीसद लोग ही इस बीमारी से पीडि़त हैं।
- डाॅ. नरेंद्र गुप्ता, मनोरोग चिकित्सक, हिसार।