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कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए यज्ञ को बना रहे हथियार

जागरण संवाददाता रोहतक प्रदूषित हो रही हवा को शुद्ध बनाने की कवायद तेज हो चली है। संक

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 08:44 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 08:44 AM (IST)
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए यज्ञ को बना रहे हथियार
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए यज्ञ को बना रहे हथियार

जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रदूषित हो रही हवा को शुद्ध बनाने की कवायद तेज हो चली है। संक्रमण की रोकथाम के लिए यज्ञ को भी हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए जिला में यज्ञ करने का सिलसिला बढ़ने लगा है। शहर से लेकर गांवों व गोशालाओं में भी यज्ञ का तवज्जो दी जा रही है। यज्ञ से वातावरण शुद्ध होने का दावा किया जा रहा है। कई गांवों में यज्ञ के बाद धूमनी भी दी जा रही है। ताकि वायुमंडल को शुद्ध किया जा सके। यज्ञ कराने वालों का कहना है कि प्राचीन समय से ही गांवों में यज्ञ की धूमनी देने परंपरा रही है। महामारी के समय इस परंपरा को बखूबी निभाया जा रहा है। यज्ञ में गाय का देशी घी व गोकाष्ठ के अलावा विशेष सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। जिस अब गांवों में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसके चलते आगामी दिनों में और भी गांवों में यज्ञ कराए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। बलियाणा गांव में फैले संक्रमण को देखते हुए सर्वोदय परिवार बलियाणा की ओर से बुधवार को यज्ञ किया गया। जिसके बाद ट्रॉली में पूरे गांव में घूमकर धूमनी दी गई। साथ में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के चेयरमैन डा. विनोद खनगवाल की तरफ से इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाली दवाई का वितरण भी गांव में किया गया। इस अवसर पर अमित कुमार, पुनीत कुमार, अनिल कुमार, सुनील कुमार, साहिल, बलजीत प्रधान, डा. देवेंद्र, अंकुश, मनजीत व मिता आदि मौजूद रहे।

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हवन के धुएं में होते हैं औषधीय गुण

गढ़ी बोहर गांव में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए बुधवार को यज्ञ किया गया। जिसके बाद गूगल आदि औषधियों का प्रयोग कर गांव में धूमनी भी दी गई। आर्यसमाज बोहर के अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर यज्ञ किया और कोरोना महामारी को हराने का संकल्प लिया। आर्य समाज बोहर के प्रवक्ता कृष्ण देव शास्त्री ने बताया कि सभी को प्रशासन की ओर से जारी हिदायतों का पालन करना चाहिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधियों एवं रसायनों का उपयोग चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार करना चाहिए। आयुर्वेद में औषधीय धूम्र के सेवन का विधान है जो कि यज्ञ का ही एक प्रकार है। यज्ञ से स्वास्थ्य के साथ साथ ईश्वर का अनुग्रह भी प्राप्त होता है। यज्ञ परोपकारक कर्म है। इस अवसर डा. सुरेश भोपान, अजय पाल गढ़ी बोहर, कृष्ण नांदल, अंकित आर्य, योगेश आर्य, डा. योगेश नांदल, ओमवीर नांदल, श्याम आर्य, दीपक नांदल, धीरज आर्य बलियाना आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।


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