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धारा-497 निरस्त करने से समाज में बढ़ रहा व्याभिचार : एडवोकेट लोकेश

फोटो संख्या : 12 - मानव एवं नागरिक अधिकार रक्षा संगठन के संरक्षक ने की प्रेस कांफ्रेंस जागरण संवाददाता, रोहतक : आदिकाल से चले आ रहे ¨हदु धर्म में विवाह को एक पवित्र बंधन माना है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने धारा-497 को निरस्त कर एडल्ट्री को कानूनी जामा पहना दिया है। इससे शादी जैसा मजबूत रिश्ता व पूरा समाज तहस-नहस हो जायेगा। यह बात रविवार को मैना पर्यटक केंद्र पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मानव एवं नागरिक अधिकार रक्षा संगठन के संरक्षक एडवोकेट लोकेश कुमार मलिक ने कही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 06:37 PM (IST)
धारा-497 निरस्त करने से समाज में बढ़ रहा व्याभिचार : एडवोकेट लोकेश

जागरण संवाददाता, रोहतक : आदिकाल से चले आ रहे ¨हदू धर्म में विवाह को एक पवित्र बंधन माना है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने धारा-497 को निरस्त कर एडल्ट्री को कानूनी जामा पहना दिया है। इससे शादी जैसा मजबूत रिश्ता और पूरा समाज तहस-नहस हो जायेगा। यह बात रविवार को मैना पर्यटक केंद्र पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मानव एवं नागरिक अधिकार रक्षा संगठन के संरक्षक एडवोकेट लोकेश कुमार मलिक ने कही।

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एडवोकेट लोकेश मलिक ने कहा कि धारा-497 को निरस्त करने से समाज में व्याभिचार बढ़ रहा है तथा इससे ¨हदू मैरिज एक्ट की साख भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। अदालत के आदेशों पर सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट को तुरंत रोक लगानी चाहिए। इसके लिए सरकार संसद में अध्यादेश लाकर इस कानून पर रोक लगाए या फिर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दोबारा सुनवाई करते हुए आदेश पर रोक लगाए। धारा के रद्द होने के बाद से ऐसे मामले बढ़ गए हैं जिसमें जिसमें प्रेमी किसी की पत्नी को अपना बताते हुए अदालत में प्रेमिका की रिहाई के नाम पर अदालती आदेशों से उठवा रहे हैं। ऐसे में पति की स्थिति बेहद ¨चताजनक हो रही है। इसे रोकने के लिए मानव एवं नागरिक अधिकार संगठन पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाकर राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट में भेजेगी। इस मौके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जयपाल नरवाल भी मौजूद रहे।


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