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आखिर कब मिलेगा खाद की समस्या से किसानों को छुटकारा

संवाद सहयोगी, सांपला : सरकार भले ही किसानों के हित में लंबे चौड़े वायदे करती नहीं थक

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Dec 2017 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 Dec 2017 06:55 PM (IST)
आखिर कब मिलेगा खाद की समस्या से किसानों को छुटकारा
आखिर कब मिलेगा खाद की समस्या से किसानों को छुटकारा

संवाद सहयोगी, सांपला :

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सरकार भले ही किसानों के हित में लंबे चौड़े वायदे करती नहीं थक रही हो, लेकिन किसान इन दिनों खाद के लिए भी पसीना बहा रहे हैं। किसानों में खाद के लिए मारामारी मची हुई है, लेकिन उनकी समस्या की तरफ न तो प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान जा रहा है तथा न ही सरकार के किसी नुमाइंदे का ध्यान गया है। किसानों को खाद न मिलने के कारण खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं सहकारी एजेंसी में खाद न आने से परेशानी और बढ़ रही है। खाद की सप्लाई आने के बाद भी ब्लाक डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा किसानों को खाद न दिए जाने के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ी। जानकारी के अनुसार इन दिनों किसान रबी की गेहूं फसल में पानी लगा रहे हैं। किसानों को पानी लगाने के साथ ही गेहूं के लिए यूरिया खाद की जरूरत है। किसानों को खाद की जरूरत होने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रहा है। किसान खाद खरीदने के लिए सुबह ही शहर पहुंच जाते हैं, लेकिन खाद न मिलने के कारण उन्हें मायूस होकर खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है।

कस्बे में दी सांपला मार्के¨टग सोसायटी में खाद की सप्लाई न आने के कारण किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सोसायटी में कई दिनों में खाद की सप्लाई आ रही है,लेकिन किसानों की मांग के सामने वह ऊंट के मुंह में जीरा डालने के समान साबित हो रही है। गत दिवस दी सांपला मार्के¨टग सोसायटी में पांच दिन के बाद मंगलवार को 500 बैग की सप्लाई आई थी, लेकिन काफी किसान खाद मिलने से वंचित रह गए। वहीं, बुधवार को खाद न आने के कारण किसानों को परेशानी उठानी पड़ी।

खास बात यह है कि निजी डिस्ट्रीब्यूटर के पास खाद के सैकड़ों बैग की सप्लाई आ भी गई, लेकिन उन्होंने अपने चहेते को ही खाद दिया। खाद खरीदने आए किसानों का कहना था कि निजी डिस्ट्रिब्यूटर खाद को गोदाम में संग्रह कर रहा है तथा मोटे मुनाफे में फैक्ट्रियों में बेचा जा रहा है। खाद खरीदने आए किसान मैनपाल, बिजेंद्र, अमरजीत, नरेंद्र शर्मा व राजेश सहित अन्य किसानों का कहना था कि सोसायटी में खाद न मिलने के कारण वह निजी खाद विक्रेता के पास खाद खरीदने पहुंचे थे। विक्रेता ने सैकड़ों बैग खाद आने के बावजूद भी उन्हें नहीं दिया। उनका कहना था कि पहले निजी खाद विक्रेता कोड न खुलने की बात कहकर खाद देने से बचता रहा तो बाद में अपने परिचितों को ही खाद देता रहा।

किसानों का कहना था कि निजी खाद विक्रेता निजी फैक्ट्रियों में महंगी दरों पर खाद बेच रहा है। किसानों का कहना था कि खाद न मिलने के कारण उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। सोसायटी में कई दिनों में एक बार ही खाद आ रहा है। सोसायटी में खाद न मिलने के कारण उन्हें खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं निजी डिस्ट्रीब्यूटर के पास ही खाद की सप्लाई आई हुई है। कस्बे में एक या दो ही निजी दुकानों पर खाद की सप्लाई आई है जिससे परेशानी व मनमानी बढ़ी हुई है।

क्या कहते हैं सोसायटी के सेल्समैन

दी सांपला मार्के¨टग सोसायटी के सेल्समैन मान¨सह का कहना था कि मंगलवार को 500 बैग की सप्लाई आई थी। उनका कहना था कि खाद की मांग ऊपर की गई है। बृहस्पतिवार को खाद की सप्लाई आने की संभावना है।


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