पीजीआइ में देर रात कराना है सीटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड तो घंटों करना होगा इंतजार
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ में मरीजों को हर कदम सुविधा देने का दावा किया जाता रहा
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ में मरीजों को हर कदम सुविधा देने का दावा किया जाता रहा है, लेकिन रात के समय मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंगलवार देर रात जब दैनिक जागरण की टीम ने पीजीआइ के आपातकालीन विभाग का दौरा किया तो पाया कि अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन के लिए केवल एक ही चिकित्सक तैनात है। ऐसे में रात 12 बजे जब डा. रमनीत सीटी स्कैन करने में व्यस्त थे, जबकि झज्जर जिले से गंभीर हालत में रेफर होकर आए जय कुमार अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर इंतजार कर रहे थे। वहीं रात में ड्यूटी पर तैनात महिला स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रात के समय में शराब के नशे में लोग घूमते रहते हैं, जिसके चलते बाहर निकलने में उन्हें भी डर लगता है।
मंगलवार देर रात दैनिक जागरण टीम ने पीजीआइ के विभिन्न विभागों की स्थिति की जांच के लिए दौरा किया। इस दौरान सबसे पहले ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, अल्ट्रासाउंड कक्ष, सीटी स्कैन कक्ष, वार्ड का दौरा किया। ट्रामा सेंटर के मुख्य गेट पर चार सुरक्षाकर्मी तैनात थे। जबकि चिकित्सक कक्ष में डा. गजेंद्र ड्यूटी पर तैनात थे। ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज भी सामान्य स्थिति में थे। इसके बाद जब इमरजेंसी वार्ड में जाकर सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड कक्ष का दौरा किया तो पाया कि सीटी स्कैन कक्ष में डा. रमनीत मरीजों का सीटी स्कैन कर रहे थे, जबकि अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर मरीज चिकित्सक के आने का इंतजार कर रहे थे। सीन नं. 1, समय : रात 12 बजे
सबसे पहले रात 12 बजे ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया कि गेट पर चार सुरक्षाकर्मी तैनात थे। जबकि चिकित्सक कक्ष में डा. गजेंद्र मरीजों को परामर्श दे रहे थे। जबकि सेंटर में मरीजों के बैड के आसपास उनके तीमारदार बैठे हुए थे। सेंटर में रात सवा आठ बजे के बाद कोई मरीज भर्ती नहीं किया गया था। सीन नं. 2, समय : रात 12.20 बजे
रात 12.20 बजे पुरानी बि¨ल्डग में जाकर देखा तो पाया कि सीटी स्कैन कक्ष में डा. रमनीत सीटी स्कैन कर रहे थे, जबकि अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर मरीज चिकित्सक के आने का इंतजार कर रहे थे। झज्जर जिले से आए जय कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया कि गंभीर हालत में उनके मरीज को पीजीआइ रेफर किया गया था। जिसके बाद चिकित्सकों ने अल्ट्रासाउंड की सलाह दी थी, लेकिन एक घंटे से इंतजार के बाद भी चिकित्सक नहीं आए। पूछताछ के दौरान बताया कि सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड के लिए एक ही चिकित्सक तैनात रहता है। जिसके चलते मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। सीन नं. 3, समय : रात 12. 50 बजे
रात 12.35 बजे वार्ड की स्थिति की जांच की गई तो पाया कि स्टाफ मरीजों को आवश्यक दवाइयां दे रहा है। रात में ड्यूटी पर तैनात महिला स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रात के समय वार्डों के आसपास शराब के नशे में लोग घूमते रहते हैं। जिसके चलते उन्हें भी अकेले वार्ड से बाहर निकलने में डर लगता है। बताया कि कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन शराबियों को रोकने के लिए अभी तक कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं।
रात के समय चिकित्सकों की ड्यूटी बढ़ाई जाएगी। मरीजों को समस्या न हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
- डा. रोहताश यादव, डायरेक्टर, पीजीआइ