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रकम दुगुना करने का झांसा देकर ठगे थे 52 लाख, पुलिस ने चार साइबर फ्रॉड पकड़े

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला पुलिस ने साइबर अपराध के गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 11 Aug 2017 03:01 AM (IST)
रकम दुगुना करने का झांसा देकर ठगे थे 52 लाख, पुलिस ने चार साइबर फ्रॉड पकड़े
रकम दुगुना करने का झांसा देकर ठगे थे 52 लाख, पुलिस ने चार साइबर फ्रॉड पकड़े

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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जिला पुलिस ने साइबर अपराध के गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह लोगों को कई गुणा रुपये करने का झांसा देकर आनलाइन ठगी करता था। रोहतक के एक व्यक्ति से भी 52 लाख रुपये की ठगी की गई थी, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछाया और आरोपियों तक पहुंच गई। आरोपियों से ठगी के साढ़े नौ लाख रुपये और एक गाड़ी बरामद की है। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां दो को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि दो को पुलिस रिमांड पर लिया है ताकि अन्य मामलों में गहनता से पूछताछ की जा सके।

पुलिस अधीक्षक पंकज नैन ने बताया कि लगातार आनलाइन ठगी की शिकायतें मिल रही थी। आनलाइन ठगी के शिकायतों के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने गहनता से जांच करते हुए करतार ¨सह अरोड़ा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान दिल्ली के रमेश नगर निवासी हर्ष कुमार, बिहार के गोपालगंज हाल नोएडा सेक्टर-22 निवासी राहुल, उत्तरप्रदेश के शांहजाहपुर गांव बांड़ा हाल निवासी फरीदाबाद विशाल कपूर और गोरखपुर के उत्तरी हुमायुंपुर हाल फरीदाबाद निवासी धनंजय के रूप में हुई है।

मल्टीनेशनल कंपनियों से लेते थे लोगों का डाटा

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी मल्टीनेशनल कंपनियों से लोगों का डाटा लेकर कॉल सेंटर की तर्ज पर लोगों के पास फोन करते थे। उनको कई गुणा रुपये करने का लालच देकर आनलाइन पैसा का निवेश करवाते थे। रोहतक के करतार ¨सह अरोड़ा को भी एक लड़की से फोन कराया गया और कई गुणा रुपये करने का लालच देकर धीरे-धीरे तीन अलग-अलग कपंनियों के खातों में 52 लाख रुपये डलवा लिए। खातों में रुपये आने के बाद करतार ¨सह से संपर्क तोड़ दिया। इसी तरह अन्य लोगों को फंसाते और बाद में उनके संपर्क तोड़ लेते थे।

हर्ष है इसी गिरोह का मास्टर माइंड

पुलिस जांच में सामने आया कि हर्ष इस गिरोह का मास्टर माइंड है। हर्ष बीमा कंपनी व कॉल सेंटर पर भी काम कर चुका है। यह उसने कंपनी के लोगों से संपर्क साधने के साथ-साथ विश्वास जीतने के उद्देश्य से किया था। एनसीआर में ही उनका मुख्य केंद्र रहा। हर्ष ने ही इस खेल में अन्य लोगों को जोड़ा। गिरोह में एक दर्जन लोग जुड़े होने की संभावना है। कलाइंट के पास फोन करने वाली लड़कियों की भी पुलिस तलाश कर रही है। हर्ष और राहुल को पुलिस ने रिमांड पर लिया है ताकि यह पता लगाया जाए कि कितने लोगों के साथ आनलाइन ठगी की है।

बैंकों में खुलवाते थे फर्जी खाते

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बैंक में फर्जी कागजात के आधार पर कंपनियों के खाते खुलवाए जाते थे। खातों में लोगों को पैसे डालने के लिए बोला जाता, इसके बाद खाते से रुपये निकालकर बंद कर देते थे। यह खेल करीब एक वर्ष से चल रहा था। पुलिस ने आरोपियों से फर्जी बैंक की पास बुक भी बरामद की है। इसके अलावा अन्य सामान भी आरोपियों से मिला है, जिसके आधार पर गिरोह के तह तक जाने में पुलिस को मदद मिलेगी।

गिरोह के सदस्यों का ठगी की रकम में होता था अलग-अलग हिस्सा

गिरोह के सदस्य आनलाइन ठगी करने के बाद अलग- अलग हिस्से में रुपये बांट लेते थे। चूंकि हर्ष इस गिरोह का मास्टर माइंड है, इसलिए उसका हिस्सा सबसे ज्यादा रहता है। बैंक में खाते खुलवाने के लिए रेंट एग्रीमेंट फर्जी पैन कार्ड व आइडी बनवा लेते थे। बीमा व अन्य तरीकों से लोगों को जाल में फंसा कर आनलाइन रुपये बैंक खाते में डलवाने के बाद फरार हो जाते थे।


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