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बिना अनुमति और फीस जमा कराए बगैर संचालित चार निजी कंपनियों के टॉवर सील

जागरण संवाददाता रोहतक बिना अनुमति और फीस जमा कराए बगैर संचालित चार निजी एजेंसियों के

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 08:26 PM (IST)
बिना अनुमति और फीस जमा कराए बगैर संचालित चार निजी कंपनियों के टॉवर सील
बिना अनुमति और फीस जमा कराए बगैर संचालित चार निजी कंपनियों के टॉवर सील

जागरण संवाददाता, रोहतक : बिना अनुमति और फीस जमा कराए बगैर संचालित चार निजी एजेंसियों के टॉवर शुक्रवार को सील कर दिए। टैक्स ब्रांच ने जांच में पाया था कि प्रॉपर्टी टैक्स भी जमा नहीं कराया। नियमानुसार जो मंजूरी लेनी चाहिए थी, उसका भी उल्लंघन किया। पहले नोटिस दिए गए। बाद में आखिरी नोटिस दिया गया। इसके बावजूद भी कोई अमल नहीं हुआ। गोहाना रोड, सेक्टर-35, जिमखाना क्लब के सामने आदि स्थानों पर कार्रवाई की गई। एसपी को भी कार्रवाई की जानकारी देते हुए पत्र लिखा गया है। सील किए गए टॉवर यदि संचालित करने की कोशिश की गई तो निजी संचार कंपनियों के खिलाफ केस भी दर्ज होगा।

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नगर निगम के टैक्स ब्रांच के मुताबिक, गोहाना रोड स्थित वन सिटी के निकट एक निजी कंपनी पर गाड़ी पर टॉवर संचालित (मूवेबल टॉवर) था। संबंधित टॉवर का उपयोग किसी इमरजेंसी या फिर नेटवर्क को लेकर उपयोग किया जाता है। मौके पर नगर निगम की टीम ने पहुंचकर कार्रवाई करते हुए टॉवर को सील किया है। वहीं, सेक्टर-35 स्थित सनसिटी में भी मूवेबल टॉवर संचालित था। नोटिस के बावजूद भी कोई जवाब नहीं दिया। इसलिए यहां कार्रवाई करते हुए टॉवर सील किया गया है। टैक्स ब्रांच ने सेक्टर-35 जिमखाना क्लब के सामने भी कार्रवाई की। यहां जमीन पर टॉवर लगा हुआ था। इसकी मंजूरी न होने का दावा किया गया है। सेक्टर-34 सनसिटी में एक किसान की जमीन पर लगाए गए टॉवर को भी सील किया गया। एसपी को लिखा पत्र, बिना अनुमति के नहीं कर सकेंगे संचालन

नगर निगम धारा-180 के तहत कार्रवाई की है। टैक्स ब्रांच ने दावा किया है कि एसपी जश्नदीप रंधावा को पत्र लिखा गया है। नगर निगम आयुक्त आरएस ने पत्र लिखकर सहयोग मांगा है कि कोई सील तोड़कर टॉवरों का संचालन करे तो संबंधित निजी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। टैक्स जमा नहीं कराया, मंजूरी भी नहीं, फीस तक जमा कराने में लापरवाही

टैक्स ब्रांच ने दावा किया है कि मूवेबल टॉवरों के लिए 180 दिनों के मंजूरी लेनी होती है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर गाड़ियों के माध्यम से टॉवर ले जा सकते हैं। 180 दिनों के लिए मंजूरी लेने के लिए दस हजार फीस जमा करानी होती है। इसके अलावा टॉवर लगाने के लिए एक बार एक लाख रुपये फीस जमा करानी होती है। इसके बाद 10 हजार रुपये सालाना शुल्क भी जमा कराना होता है। दावा किया जा रहा है कि जो टॉवर सील किए हैं, उनकी तरफ से प्रॉपर्टी टैक्स भी जमा नहीं कराया गया। जांच के बाद तय होगा कि टैक्स और फीस कितनी बनेगी। बताया गया है कि संबंधित टॉवर पिछले करीब एक साल से संचालित हैं। जो भी टैक्स जमा नहीं कराएगा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। निजी संचार कंपनियों के साथ बैठक की गई। लेकिन कई कंपनियों ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी, इसलिए कार्रवाई की गई है।

आरएस वर्मा, आयुक्त, नगर निगम


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