गो सेवा आयोग जल्द ही पशु पकड़वाने के लिए जारी करेगा टोल फ्री नंबर
अरुण शर्मा, रोहतक प्रदेशभर की सड़कों पर एक बार फिर से लावारिस पशुओं की भीड़ दिखाई
अरुण शर्मा, रोहतक
प्रदेशभर की सड़कों पर एक बार फिर से लावारिस पशुओं की भीड़ दिखाई दे देने लगी है। रोहतक सहित दूसरे जिलों में लावारिस पशुओं की फिर से बढ़ती तादाद ने गो सेवा आयोग की भी ¨चता बढ़ा दी है। गो सेवा आयोग ने लावारिस पशुओं की बढ़ती तादाद के पीछे दो अहम कारण होने का दावा किया है। पड़ोसी राज्य पंजाब व राजस्थान की तरफ से लावारिस पशुओं के आने की शिकायतें नहीं थमी हैं। जबकि दूसरी वजह गांवों में पशु बाड़ों का निर्माण पूरी तरह से नहीं हो सका है। आयोग ने लावारिस पशुओं की तादाद से छुटकारा दिलाने के लिए फिर से नई योजना तैयार की है। जिसके तहत अब हरियाणा में गोवंश पकड़ने के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। आयोग की निगरानी में ही कंट्रोल रूम का संचालित होगा। जबकि हर जिले को विशेष एंबुलेंस मुहैया कराई जाएंगी। इन्हीं एंबुलेंस में लावारिस पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में छोड़ा जाएगा। हालांकि पशु पकड़ने का कार्य निकाय संस्थाएं-पंचायतें ही करेंगी। अब 530 गोशाला-नंदीशालाओं में 3.80 लाख गोवंश, इसलिए ¨चता बढ़ी
गो सेवा आयोग का ¨चतित होना लाजिमी है। आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला दावा करते हैं कि डेढ़ से दो साल के अंदर करीब 170 नई गोशालाएं-नंदीशालाएं संचालित की जा चुकी हैं। अब गोशालाओं-नंदीशालाओं की संख्या बढ़कर करीब 530 हो चुकी है। इनमें करीब 3.80 लाख गोवंश हैं। डेढ़ साल पहले 360 गोशालाओं में थे 2.70 लाख पशु
आयोग के चेयरमैन का दावा है कि करीब डेढ़ से दो साल पहले जब गोवंश को पकड़ने की शुरूआत हुई तो उस दौरान करीब 360 गोशालाएं-नंदीशालाएं थीं। जिनमें करीब 2.70 लाख गोवंश थे। गोशालाओं व नंदीशालाओं से गोवंश को बाहर न छोड़ा जा सके, इसके लिए सभी गोवंश की टै¨गग कराई गई थी। इनका यह भी दावा है कि फिलहाल जो लावारिस पशु पकड़े जा रहे हैं, उनमें टै¨गग वाले गोवंश नहीं मिल रहे हैं। इनका दावा है कि पड़ोसी राज्य की सीमाओं व गांवों से पशु आ रहे हैं। दुधारू पशुओं को छोड़ने वालों से नहीं वसूला जुर्माना, अब देना होगा जवाब
गो सेवा आयोग के चेयरमैन इस बात से खफा हैं कि लावारिस पशुओं से छुटकारा दिलाने प्रत्येक जिले के लिए गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें यह तय था कि दुधारू पशुओं को छोड़ने वालों पर 5100 रुपये जुर्माना किया जाए। लेकिन ज्यादातर नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिकाएं और पंचायतें सख्ती रवैया नहीं अपना सकी हैं। संबंधित आदेश का पालन सख्ती से हो, इसके लिए आयोग प्रत्येक जिले के अधिकारी को पत्र जारी करेगा। जिससे संबंधित आदेश का पालन सख्ती से हो सके। पंचायतों में पशु बाड़ों का निर्माण नहीं, करेंगे दोबारा से बैठक
रोहतक सहित तमाम जिलों में अभी भी पंचायत स्तर पर पशु बाड़ों का निर्माण नहीं हो सका है। गांवों से आने वाले गोवंश को पकड़कर इन बाड़ों में छोड़ा जाना था। कोई लावारिस पशु पंचायत में छोड़ता तो सरपंच जुर्माना भी लगा सकते थे। हालांकि अभी भी निर्माण कार्य अटका हुआ है। इस प्रकरण में दोबारा से बैठक होगी। प्रदेशभर की गोशालाओं में बंद सभी लावारिस पशुओं की टै¨गग कराई थी। हमने ज्यादातर जिलों से रिपोर्ट ली है। टै¨गग वाले गोवंश सड़कों पर नहीं हैं। लावारिस पशु फिर से सड़कों दिख रहे हैं, यह सही बात है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि पड़ोसी राज्य पंजाब व राजस्थान से लावारिस पशु आ रहे हैं। एक बार फिर से नई योजना तैयार की है। जिसके तहत एक कंट्रोल रूम जल्द तैयार होगा और टोल फ्री नंबर जारी करेंगे। प्रत्येक जिले में एंबुलेंस मुहैया कराएंगे। जिससे शिकायत मिलने पर पशु पकड़ने का तत्काल इंतजाम हो सके।
भानीराम मंगला, चेयरमैन, गो सेवा आयोग