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तीन दिन बाद रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे, परिजनों ने धरना भी किया समाप्त

जागरण संवाददाता, रोहतक : बच्चा चोरी प्रकरण में रेजीडेंट डाक्टर तीसरे दिन हड़ताल खत्म

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 03:00 AM (IST)
तीन दिन बाद रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे, परिजनों ने धरना भी किया समाप्त
तीन दिन बाद रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे, परिजनों ने धरना भी किया समाप्त

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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बच्चा चोरी प्रकरण में रेजीडेंट डाक्टर तीसरे दिन हड़ताल खत्म कर ड्यूटी पर लौट गए। अधिकारियों की बैठक के बाद हड़ताल खत्म करने की रूपरेखा तैयार की गई और रेजीडेंट डाक्टरों को बुलाकर संतुष्ट किया गया। उधर, तीसरे दिन भी आपातकालीन विभाग सहित अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बुरे रहे। डाक्टरों की हड़ताल के चलते दुर्घटना के शिकार लोगों को छोड़कर अन्य किसी भी गंभीर अवस्था के मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। इसके अलावा सही उपचार नहीं मिलने के कारण काफी मरीज दूसरे अस्पतालों में चले गए। हालांकि शाम के वक्त रेजीडेंट डाक्टर के ड्यूटी पर लौटने से स्वास्थ्य सेवाओं में कुछ राहत दिखाई दी। वहीं पीजीआइ प्रशासन ने भी हड़ताल खत्म होने से राहत महसूस की। उधर, बच्चा चोरी प्रकरण में धरने पर बैठे परिजनों ने भी धरना खत्म कर दिया है। धरना खत्म करने के लिए बच्चे के पिता शनि को पीजीआइ में अस्थाई नौकरी और चार लाख रुपये का मुआवजा दिया है।

बता दें कि बच्चा चोरी प्रकरण में पीडियाट्रिक्स डाक्टर हिना फातिमा को जांच में शामिल करने के विरोध में सोमवार-मंगलवार की रात सभी रेजीडेंट डाक्टर काम छोड़कर हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के कारण तीन दिन तक पीजीआइएमएस में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रही। डॉक्टर्स की कमी के कारण अन्य जिलों से रेफर होकर आए गंभीर अवस्था के मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। हालांकि दुर्घटना के शिकार लोगों को भर्ती कर उपचार दिया गया। हड़ताल और डाक्टर्स की कमी मरीजों के स्वास्थ्य पूरी तरह से भारी पड़ी। जिस कारण मंगलवार को इमरजेंसी की ओपीडी और वार्ड में भर्ती 15 मरीजों की मौत हुई। वहीं बुधवार और बृहस्पतिवार को 17 मरीजों की मौत हुई। हालांकि पीजीआइ प्रबंधन का दावा है कि किसी भी मरीज की इलाज में लापरवाही के कारण मौत नहीं हुई।

जिला प्रशासन, विवि और आरडीए के बीच चली मैराथन मी¨टग

तीन दिन से जारी रेजीडेंट डाक्टर्स की हड़ताल से उपजे हालात के मद्देनजर वीसी कार्यालय में प्रशासनिक और पीजीआइ अधिकारियों की मैराथन मी¨टग का दौर चला। मी¨टग में समस्या का समाधान निकालने के लिए आरडीए के प्रतिनिधिमंडल को भी शामिल किया गया। करीब पौने दो घंटे तक चली मी¨टग में आरडीए की छह मांगों में से पांच मांगों को मान लिया गया। जिसके बाद आरडीए ने मांगों पर सहमति जताते हुए लगभग तीन बजे हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर ड्यूटी पर चले गए। मी¨टग के दौरान वीसी डा. ओपी कालरा, एडीसी अजय कुमार, सीएमओ डा. दीपा जाखड, डायरेक्टर डा. एमसी गुप्ता, रजिस्ट्रार डा. एचके अग्रवाल, एमएस डा. अशोक चौहान, डीन एकेडमिक डा. रोहताश यादव और अन्य वरिष्ठ डाक्टर्स भी शामिल रहे। वहीं आरडीए के 15 सदस्यीय दल का प्रतिनिधित्व आरडीए प्रधान जंगवीर ग्रेवाल ने किया। हालांकि छह मांगों में से एमएस को हटाने की मांग को नहीं माना गया। फिर भी आरडीए ने हड़ताल को खत्म करने की घोषणा के साथ ही एमएस को हटाए जाने की मांग जारी रही।

बच्चे के परिजनों के साथ भी मी¨टग का दौर रहा जारी

रेजीडेंट डाक्टर्स की हड़ताल को खत्म करने के साथ ही अधिकारियों का मकसद बच्चे के परिजनों का धरना खत्म करने का भी रहा। परिजनों के साथ वीसी समेत सभी अधिकारियों ने लंबी मी¨टग की और उन्हें मनाने की खूब कोशिश की, लेकिन परिजन बच्चे की मांग के लिए धरने पर बैठने की बात पर अड़े रहे। हालांकि परिजनों को मनाने के लिए नौकरी दिए जाने लालच भी दिया गया, लेकिन परिजन नहीं माने।

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रेजीडेंट डाक्टर्स की सभी मांगों को मान लिया और डाक्टर्स हड़ताल खत्म कर ड्यूटी पर चले गए। वहीं इस दौरान चिकित्सक की लापरवाही के कारण किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं बच्चे के परिजनों से बात चल रही है और पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है।

डा. ओपी कालरा, वीसी पीजीआइएमएस।


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