आंदोलन के लिए अलर्ट हुए गांव, आंदोलनकारी को रोका तो सड़कों पर शुरू होंगे धरने
जागरण संवाददाता, रोहतक : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलि
जागरण संवाददाता, रोहतक : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि आंदोलन को लेकर गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। यदि किसी आंदोलन को बंधक बनाया गया तो फिर कोई अभद्रता की गई तो सभी गांवों के लोग अपने पास की सड़कों पर उतरकर धरने पर बैठ जाएंगे।
बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने जसिया में कार्यकारिणी की बैठक ली। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस कर आगामी आंदोलन की रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार अपने लोगों को बचाने के लिए हाइकोर्ट में झूठे तथ्य पेश कर रही है। वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ समेत कई अन्य नेताओं ने आंदोलन कराया है। सरकार उन्हें बचा रही है। आगामी रणनीति के बारे में बताया कि आंदोलन के लिए नौ जिलों में प्रचार-प्रसार अभियान शुरू किया जाएगा। सभी को अलर्ट कर दिया गया है कि जिस जिले में मुख्यमंत्री या वित्तमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी मिले तो वहां के लोग सड़कों पर उतरकर धरने के लिए तैयार रहे। दूसरे चरण के लिए बाकी जिले भी आंदोलन के लिए हर समय तैयार रहे। अगर सरकार किसी भी आंदोलनकारी को बंधक बनाती है या अभद्रता करती है तो सभी गांवों के लोग अपने-अपने आसपास की सड़क पर धरने पर बैठ जाएंगे। राजस्थान और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ प्रचार किया जाएगा। इसके साथ ही 13 सितंबर को सभी जिलों में आंदोलन में मारे गए सुनील श्योराण का शहादत दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा, प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र पूनिया, प्रदेश महासचिव कृष्णलाल हुड्डा और मुख्य महासचिव रामभक्त मलिक आदि मौजूद रहे।
चुनाव के बाद फिर भाजपा में होंगे सांसद राजकुमार सैनी
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सांसद राजकुमार सैनी और भाजपा ने सोची-समझी रणनीति के तहत अलग पार्टी बनाई है। सांसद सैनी की पार्टी को भाजपा फं¨डग कर रही है। चुनाव के बाद सांसद सैनी फिर भाजपा में शामिल होंगे। सांसद सैनी भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए किया गया है कि भाजपा से नाराज वोट बैंक चुनाव के समय कांग्रेस, इनेलो या फिर किसी अन्य दल में न जाए। भाजपा की इस रणनीति को जाट समाज कामयाब नहीं होने देगा। जाट समाज की मांगें नहीं मानी तो चुनाव में बहिष्कार किया जाएगा।