ओवरलोडिग का खेल : प्रति ट्रक वसूलते थे आठ हजार रुपये, 90 फीसद सहायक सचिव और 10 फीसद रखते थे दलाल
जागरण संवाददाता रोहतक ट्रकों की ओवरलोडिग के इस खेल का सरगना चरखी दादरी जिले के आरटीए
जागरण संवाददाता, रोहतक : ट्रकों की ओवरलोडिग के इस खेल का सरगना चरखी दादरी जिले के आरटीए का सहायक सचिव और क्लर्क है। ट्रकों से कितनी रकम वसूलनी है यह दोनों ही तय करते थे। प्रति ट्रक करीब आठ हजार रुपये वसूले जाते थे, जिसके बाद 90 फीसद यह दोनों खुद रखते थे और बाकी 10 फीसदी हिस्सा दलालों को दिया जाता था। इस पूरे मामले में रोहतक आरटीए कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। इसीलिए वहां पर भी हड़कंप मचा हुआ है।
डीएसपी नरेंद्र कादियान ने बताया कि अधिकतर ट्रक चरखी दादरी और नारनौल आदि इलाकों से डस्ट, रेती और रोडी के ट्रक भरकर चलते हैं। इसकी पूरी जानकारी पहले से सहायक सचिव और क्लर्क की माध्यम से दलालों के पास पहुंचा दी जाती थी। इसमें बताया जाता था कि ट्रक का चालक और उसका मालिक कौन है। तब जाकर दलाल चालक और उनके मालिकों से संपर्क करते हैं और गाड़ियों का चालान काटने की धमकी देकर अवैध वसूली करते हैं। प्रति गाड़ी करीब आठ हजार रुपये वसूले जाते थे। शुक्रवार को भी दलाल सुरेंद्र और रविद्र वसूली गई रकम के 12 लाख रुपये सहायक सचिव और आठ लाख रुपये क्लर्क को देकर आए थे। सहायक सचिव मनीष मदान पर फिलहाल में चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ जिले का प्रभार है। जबकि आरोपित क्लर्क अमित चरखी दादरी में तैनात है। यह ओवरलोडिग ट्रकों को नारनौल, चरखी दादरी, रोहतक, झज्जर और सोनीपत जिले से बाहर निकाल देते थे। जिस तरीके से सांपला में दोनों दलाल पकड़े गए हैं उससे स्पष्ट है कि रोहतक आरटीए कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी इसमें शामिल है। क्योंकि यह एरिया रोहतक आरटीए कार्यालय के अंतर्गत आता है। सात माह में करीब सात करोड़ की वसूली
पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपितों ने सात माह में करीब सात करोड़ रुपये की वसूली की है। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस आरोपितों का पूरा रिकार्ड खंगाल रही है कि वह कब से इस धंधे में लगे हुए थे। उनके मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली जाएगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि उनके संपर्क में कौन-कौन से अधिकारी और कर्मचारी थे। सीएम फ्लाइंग की छापेमारी में मिली थी रिकार्ड में खामियां
इस प्रकरण के बाद सीएम फ्लाइंग की टीम ने भी कई जिलों में छापेमारी की थी। रोहतक आरटीए कार्यालय में वाहनों की एंट्री रजिस्ट्रर में भी छेड़छाड़ पायी गई थी। इसके बाद शिवाजी कालोनी थाने में केस दर्ज कराया गया था। अप्रैल 2017 में भी पकड़ा गया था अवैध वसूली का खेल, सात जिलों में फैला था नेटवर्क
ओवरलोडिग का यह खेल पहली बार नहीं पकड़ा गया है। इससे पहले अप्रैल 2017 में भी इसी तरह का मामला पकड़ा गया था। इस मामले में पुलिस ने शुरुआत में चरखी दादरी जिले में एसडीएम कार्यालय में अनुबंधित क्लर्क डिपी उर्फ नीतेश और सोनू उर्फ सुरेश को पकड़ा था। जांच में सामने आया था कि आरोपित ट्रक चालकों को चालान काटने का डर दिखाकर उनसे वसूली करते थे। अवैध वसूली के बाद यह ट्रक के नंबर की सूची व्हाट्सएप पर अपने अधिकारियों को भेज देते थे। गिरोह के तार रोहतक, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, सोनीपत, पानीपत और झज्जर से भी जुड़े हुए थे। पुलिस जांच के दौरान उस समय रोहतक आरटीए कार्यालय के क्लर्क, भिवानी आरटीए कार्यालय के टीआइ, पानीपत, हिसार और सोनीपत जिले में तैनात कई कर्मचारियों के भी नाम सामने आए थे। जो ट्रक मालिकों से मिलकर पूरी सांठगांठ कराते थे। रोहतक कार्यालय के भी कई आरोपित थे शामिल
इस पूरे प्रकरण में रोहतक आरटीए कार्यालय के कर्मचारी का नाम भी सामने आया था, जो इस फर्जीवाड़े का मुखिया था। इसके बाद जैसे-जैसे पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो कार्यालय में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था। हालांकि बाद में मामले को दबा दिया गया था। कोर्ट में मुकरे सहायक सचिव और दलाल
बचाव पक्ष के अधिवक्ता जेके गक्खड़ ने बताया कि पुलिस ने चारों आरोपितों को जेएमआइसी रवि की कोर्ट में पेश किया। वहां पर सभी के बयान होने थे, लेकिन सहायक सचिव मनीष मदान और दलाल सुरेंद्र ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें दबाव देकर यहां लायी है। उन पर दबाव देकर बयान दिलवाना चाहती है। इसके बाद जेएमआइसी रवि ने भी दोनों आरोपितों से बातचीत की। पुलिस ने इस मामले में चार दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन आरोपितों के मुकरने के बाद कोर्ट ने केवल दो दिन का रिमांड दिया है।
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