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डा. भीमराव आंबेडकर की दूर²ष्टि से देश को मिला सशक्त संविधान: नगराधीश

जागरण संवाददाता रोहतक नगराधीश ज्योति मित्तल ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 11:55 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 11:55 PM (IST)
डा. भीमराव आंबेडकर की दूर²ष्टि से देश को मिला सशक्त संविधान: नगराधीश
डा. भीमराव आंबेडकर की दूर²ष्टि से देश को मिला सशक्त संविधान: नगराधीश

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगराधीश ज्योति मित्तल ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर ने समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष किया।

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नगराधीश ज्योति मित्तल ने स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में डा. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव आंबेडकर स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डाक्टरेट की उपाधियां प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किए थे। व्यावसायिक जीवन के आरम्भिक भाग में ये अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की।

उन्होंने कहा कि सन 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से डा. भीमराव आंबेडकर को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। डा. भीमराव आंबेडकर को 29 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। आंबेडकर एक बुद्धिमान संविधान विशेषज्ञ थे, उन्होंने लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया था। संविधान सभा की ओर से 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था। इस अवसर पर लघु सचिवालय में स्थित कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारी ने भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।


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