भाजपा सरकार के पुतले की शव यात्रा निकाल किया दहन, एमडीयू परिसर बना पुलिस छावनी
अप्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव के विरोध में छात्र संगठनों ने शनिवार क
जागरण संवाददाता, रोहतक : अप्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव के विरोध में छात्र संगठनों ने शनिवार को दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रखा। प्रत्यक्ष छात्र चुनाव संघर्ष समिति के बैनर तले महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय परिसर में भाजपा सरकार के पुतले की शव यात्रा निकाली और कुलपति कार्यालय के बाहर पुतला दहन किया। तीन घंटे तक प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने जबरदस्त हंगामा किया गया। विवि के कुलपति प्रो. बीके पूनिया ने आश्वासन देने पहुंचे, लेकिन विद्यार्थियों ने धरना खत्म नहीं किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम राकेश कुमार, सीटीएम महेंद्र पाल, एमडीयू शुगरमिल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने विद्यार्थियों के मांग-पत्र को राज्यपाल और सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया। इसके बाद ही छात्र संगठनों ने अपना धरना खत्म किया। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर, भगत ¨सह युवा छात्र संगठन ने एमडीयू के गेट नंबर-1 के बाहर अनशन शुरू कर दिया है। प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले विश्वविद्यालय के 11 से ज्यादा छात्र संगठनों के प्रतिनिधि सुबह दस बजे एमडीयू के विवेकानंद पुस्तकालय के बाहर एकत्रित हुए। यहां से राज्य सरकार की शव यात्रा लेकर कुलपति कार्यालय की तरफ रवाना हुए। सरकार और विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। विद्यार्थियों की संख्या और आक्रोश को देखते हुए पहले से विवि में अलग-अलग स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कुलपति कार्यालय से पहले ही पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। विद्यार्थियों ने रोड पर बैठकर ही धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसी भी सूरत में अप्रत्यक्ष चुनाव सहन नहीं करेंगे। इसके लिए चाहें कितनी भी बड़ी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। छात्र संगठन विवि परिसर में पुलिस की तैनाती से भी खफा है और उसे बाहर निकालने की पुरजोर मांग उनके द्वारा उठाई जा रही है। एनएसयूआइ प्रतिनिधि को पुलिस ने उठाया, बाद में छोड़ा
अपराध जांच शाखा पुलिस ने एमडीयू परिसर से एनएसयूआइ नेता सुशील हुड्डा को उठा लिया था। इसकी जानकारी छात्र संगठनों को लगी तो पुलिस प्रशासन पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने के आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों की मांग पर पुलिस ने छात्र नेता को बाद में रिहा करना पड़ा। इनसो के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि अगर किसी भी छात्र के साथ पुलिस ने ज्यादती की तो सहन नहीं किया जाएगा। विवि परिसर में सभी छात्र संगठन एक हैं और सबका मकसद छात्र हित है। ऐसे में शासन-प्रशासन छात्र नेताओं की गिरफ्तारी करके दबाव बनाना चाहता है, जो सही नहीं है। हिटलर बनकर बयान दे रहे हैं सीएम
छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री के बयान को लेकर भी कड़ी नाराजगी प्रकट की है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि छात्र संघ चुनाव हर हाल में होंगे। छात्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री हिटलर की तरह तानाशाह बनकर इस तरह के बयान दे रहे हैं। छात्र संगठन मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर डरने वाले नहीं है। मुख्यमंत्री के बयान से साबित होता है कि छात्र समुदाय के हितों से उनका कोई सरोकार नहीं है। सरकार करवा रही है शैक्षणिक माहौल खराब
एसएफआइ नेता सुमित ने कहा कि सरकार शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक माहौल खराब करना चाहती है। शुक्रवार को पुलिस ने जिस तरह से प्रत्यक्ष चुनाव की मांग कर रहे छात्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज कर उनमें डर व खौफ की स्थिति पैदा कर दी है। यहीं कारण है कि विवि में छात्रों का आवागमन ही पहले से कम हो गया। इतना ही नहीं कक्षाएं भी नहीं लग रही है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
इनसो के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल, प्रदीप शर्मा, रवि रेढू, एनएसयूआई से प्रदीप घनघस, सुशील हुड्डा ,विशाल,छात्र एकता मंच से जस¨वदर ,किरण, अनिल ,जयदीप ,दिशा छात्र संगठन से इंद्रजीत, मनजीत, अमन, छात्र युवा संघर्ष समिति से लोकेश, सोमवीर अंकित एएमवीए से विक्रम डुमोलिया, रोहताश, एएसएफ से राकेश चोपड़ा ,अखिल भारतीय वाल्मीकि छात्र महासभा से नितीश, राजवीर, रमन अरुण, एआइडीएसो से उमेश मोर्य, अमित, एसएफआइ से सुमित, सुरेंद्र, प्रवीण, गुरदीप आदि शामिल रहें। सरकार के खिलाफ आर-पार की होगी लड़ाई : देशवाल
इनसो के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि विवि व महाविद्यालय में अप्रत्यक्ष चुनाव छात्र नहीं चाह रहे हैं। इसका उदाहरण 12 अक्टूबर को प्रदेश के विवि और महाविद्यालयों में हुए नामांकन है। उन्होंने बताया कि मात्र दस फीसद ही नामांकन पत्र दाखिल हुए है, जो सरकार के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष चुनाव के विरोध में आंदोलन कम होने की बजाय तेज होगा। सरकार को रविवार तक का समय दिया है। सोमवार से आंदोलन को तेज करते हुए सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा। छात्र संगठनों से मांग-पत्र लेकर कुलाधिपति एवं राज्यपाल व राज्य सरकार को भेजा जाएगा। विवि में छात्र संघ चुनाव को लेकर पैदा हुई स्थिति के बारे में भी सरकार को अवगत कराया जाएगा। सरकार की तरफ से जो भी आदेश जाएगा, उसकी पालना की जाएगी। छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। शनिवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद सोमवार को प्रत्याशियों की सूची चस्पा दी जाएगी।
प्रो. राजकुमार, डीन, छात्र कल्याण विभाग एवं चेयरमैन, छात्र संघ चुनाव संचालन समिति एमडीयू