एमडीयू के 175 परीक्षार्थियों के भविष्य पर संशय, पुलिस जांच में होना होगा शामिल, जांच पूरी होने तक रिजल्ट रहेगा होल्ड पर
प्रस्तावित लीड - एमडीयू की उत्तर पुस्तिकाओं में अंक बढ़ाने के नाम पर वसूली का मामला - मौके से मिली थी 175 उत्तर पुस्तिकाओं की गहनता से की जाएगी जांच पड़ताल - सभी छात्रों के लिए जाएंगे बयान किस-किस से संपर्क किया था आरोपितों ने - जांच पूरी होने पर एमडीयू के भी अधिकारी या कर्मचारी पर गिर सकती है गाज विनीत तोमर रोहतक एमडीयू की उत्तर पुस्तिकाओं में नंबर बढ़ाने के गोरखधंधे के बाद 175 परीक्षार्थियों के भविष्य पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। परीक्षार्थियों को पुलिस की जांच में शामिल होना होगा और जब तक जांच पूरी नहीं होगी तब तक रि-ईवेल्यूएशन वाला रिजल्ट भी होल्ड पर रखा जाएगा। वहीं पूरे प्रकरण में एमडीयू की रि-ईवेल्यूएशन ब्रांच भी शक के घेरे में है क्योंकि रि-ईवेल्यूएशन वाले परीक्षार्थियों का पूरा रिकार्ड इसी ब्रांच के पास होता है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।
विनीत तोमर, रोहतक
एमडीयू की उत्तर पुस्तिकाओं में नंबर बढ़ाने के गोरखधंधे के बाद 175 परीक्षार्थियों के भविष्य पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। परीक्षार्थियों को पुलिस की जांच में शामिल होना होगा और जब तक जांच पूरी नहीं होगी तब तक रि-इवेल्यूएशन वाला रिजल्ट भी होल्ड पर रखा जाएगा। वहीं पूरे प्रकरण में एमडीयू की रि-इवेल्यूएशन ब्रांच भी शक के घेरे में है, क्योंकि रि-ईवेल्यूएशन वाले परीक्षार्थियों का पूरा रिकार्ड इसी ब्रांच के पास होता है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।
बता दें, कि एमडीयू से बीटेक सिविल इंजीनियरिग की रि-चेकिग और रि-इवेल्यूएशन की उत्तर पुस्तिकाएं बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के पूर्व एचओडी वीके आहुजा के पास भेजी गई थी। एचओडी ने यह उत्तर पुस्तिकाएं मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर पवन सांगवान के पास भेजी गई थी। इनमें विनीत दहिया नाम के एक व्यक्ति के साथ मिलकर नंबर बढ़ाने का गोरखधंधा चल रहा था। कई दिन पहले सीआइए-3 की टीम ने छापेमारी कर मौके से पवन सांगवान और दो छात्रों को गिरफ्तार किया था, जो नंबर बढ़वाने के लिए आए थे। मौके से 175 उत्तर पुस्तिकाएं भी बरामद की गई थी। गोरखधंधे का मामला पकड़ में आने के बाद 175 परीक्षार्थियों के भविष्य पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। खास बात यह है कि परीक्षार्थियों को पुलिस जांच में शामिल होना होगा। जरूरत पड़ी तो उनके बयान भी दर्ज किए जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जाएगा कि जिससे यह पता चल सके कि आरोपितों ने किस-किस परीक्षार्थी से संपर्क किया था और किस-किस की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा चुकी है। जब तक पुलिस की जांच पूरी नहीं होगी तब तक उनका रिजल्ट भी जारी नहीं किया जाएगा। ऐसे में छात्रों को या तो अपने पुराने रिजल्ट के हिसाब से ही नई क्लास या नए सेमेस्टर में एडमिशन लेना होगा या फिर उसे इस केस की जांच पूरी होने तक अपने रिजल्ट का इंतजार करना होगा। जांच कब तक पूरी होगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं का जा सकता। एमडीयू की रि-इवेल्यूएशन ब्रांच शक के दायरे में
इस प्रकरण के बाद पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह बनी हुई है कि आखिर वह किस आधार पर परीक्षार्थियों से संपर्क करते थे। क्योंकि उत्तर पुस्तिका पर केवल छात्र का नंबर ही होता है। इसके अलावा कोई भी जानकारी नहीं दी जाती। ऐसे में पुलिस की जांच अब एमडीयू की तरफ मुड़ गई है। दरअसल, रि-इवेल्यूएशन के लिए यदि कोई परीक्षार्थी आवेदन करता है तो उसे फार्म भरकर देना होता है, जिसमें उसकी पूरी जानकारी होती है। यह फार्म रि-इवेल्यूएशन ब्रांच के पास ही जमा होता है। पुलिस को शक है कि कहीं न कहीं रि-ईवेल्यूएशन ब्रांच का कोई अधिकारी या कर्मचारी भी इस मामले में शामिल तो नहीं है। क्योंकि परीक्षार्थियों के फोन नंबर या पते के बिना उनसे संपर्क करना आसान नहीं है। एमडीयू की कमेटी भी करेगी पूरी पड़ताल
अंक बढ़ाने के इस गोरखधंधे का पता चलने के बाद एमडीयू में भी हड़कंप मचा हुआ है। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पूर्व एचओडी और असिस्टेंट प्रोफेसर पर आजीवन प्रतिबंध तो पहले ही लगा दिया गया है, लेकिन अब इसके लिए कमेटी गठित की गई है। पुलिस की जांच के अलावा कमेटी अपने स्तर पर जांच करेगी कि आखिर कौन-कौन इसमें शामिल है। पकड़े गए दोनों परीक्षार्थियों का एडमिशन होगा रद
असिस्टेंट प्रोफेसर पवन सांगवान के साथ पकड़े गए छात्र दीपक और अजय को लेकर भी एमडीयू के अधिकारी एक्शन लेने के मूड में है। जांच पड़ताल के बाद दोनों छात्रों का एडमिशन भी रद्द कर किया जा सकता है। उधर, पूर्व एचओडी वीके आहुजा और विनीत दहिया की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ताबड़तोड़ दबिश दे रही है, लेकिन आरोपित हाथ नहीं लग रहे।
पूर्व एचओडी और असिस्टेंट प्रोफेसर पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। कमेटी अपने स्तर पर पूरी जांच पड़ताल करेगी और जो भी इस मामले में दोषी होगी यूनिवर्सिटी स्तर पर भी कार्रवाई की जाएगी।
- प्रो. राजबीर सिंह, कुलपति एमडीयू