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समस्या का समाधान न होने पर धरने पर बैठे जेआर किसान कालेज के विद्यार्थी

जेआर किसान कालेज के बीएचएमएस (बैचलर इन होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी) विभाग के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने बुधवार को हेल्थ यूनिवर्सिटी में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 07:08 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 07:08 AM (IST)
समस्या का समाधान न होने पर धरने पर बैठे जेआर किसान कालेज के विद्यार्थी
समस्या का समाधान न होने पर धरने पर बैठे जेआर किसान कालेज के विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, रोहतक : जेआर किसान कालेज के बीएचएमएस (बैचलर इन होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी) विभाग के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने बुधवार को हेल्थ यूनिवर्सिटी में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि विवि के अधिकारी उनके हितों को लेकर चिताजनक नहीं हैं और रद किए गए एडमिशन को फिर से बहाल करने के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं। साथ ही कहा कि जब तक उनके एडमिशन बहाल नहीं किए जाएंगे वह प्रदर्शन करते रहेंगे।

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बुधवार को हेल्थ यूनिवर्सिटी में धरने पर बैठे बीएचएमएस तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने बताया कि वर्ष 2016 में विवि ने काउंसिलिग कराई थी। जिसके बाद उनके एडमिशन किए गए थे। दो वर्षो तक विवि ने परीक्षाएं भी ली और डीएमसी भी जारी की। जबकि तीसरे वर्ष की परीक्षा के लिए नवंबर 2019 में एडमिट कार्ड जारी नहीं किए। जब इस संबंध में विवि से संपर्क किया तो उन्होंने एडमिशन रद होने की बात कही। जिससे सभी 49 विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे। इसके बाद से विवि ने अभी तक उनकी परीक्षाओं के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। जिससे सभी 49 विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है। विद्यार्थी शुभम ने बताया कि इस दौरान न केवल बीएचएमएस बल्कि बीएएमएस के विद्यार्थियों के साथ ही ऐसा ही किया जा रहा है। मामले में विद्यार्थियों ने मंगलवार को हेल्थ यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करते हुए कुलपति डा. ओपी कालरा से मुलाकात की थी। साथ ही 24 घंटे में मांग पूरी न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। बुधवार को विद्यार्थियों को संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं हेल्थ यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि परीक्षाओं पर रोक लगाने और एडमिशन रद करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने किया था। इसमें विवि की कोई भूमिका नहीं है। न ही विवि ने कोर्ट में कोई केस किया था। अब कोर्ट के आदेशों के बिना एडमिशन की बहाली संभव नहीं है।

एबीवीपी ने दिया धरने को समर्थन

वहीं, विद्यार्थियों के धरने को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के धरने को समर्थन दिया। एबीवीपी के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) इकाई अध्यक्ष सन्नी नारा ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ विवि प्रशासन अन्याय कर रहा है। तीन साल की पढ़ाई के बाद कहा जा रहा है कि दाखिला गैर कानूनी है। विद्यर्थियों के पास दो वर्षाें में दी परीक्षा की मा‌र्क्ससीट भी है। विवि प्रशासन से मांग करते हैं कि विद्यार्थियों की समस्या का तुरंत प्रभाव से समाधान किया जाए। विद्यार्थियों की बातें नहीं मानी जाती हैं तो बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।


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