बंटवारे में दादा की हत्या हुई तो असल वजह जानने पाकिस्तान के मुल्तान पहुंचे रोहतक के नरेश चावला
पाकिस्तान का मुल्तान शहर रोहतक वालों से बसा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बंटवारे के समय रोहतक से जाकर बसने वालों की संख्या अधिक है। आर्य नगर निवासी एवं भारत संचार निगम लिमिटेड(बीएसएनएल) नरेश चावला दो बार पाकिस्तान जा चुके हैं।
अरुण शर्मा, रोहतक। भारत-पाकिस्तान का बंटवार हो गया, लेकिन अंतिम समय तक कुछ लोग ऐसे भी रहे जोकि अपनी मातृभूमि को तलाश करते रहे। दरअसल, पाकिस्तान का मुल्तान शहर रोहतक वालों से बसा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बंटवारे के समय रोहतक से जाकर बसने वालों की संख्या अधिक है। आर्य नगर निवासी एवं भारत संचार निगम लिमिटेड(बीएसएनएल) नरेश चावला दो बार पाकिस्तान जा चुके हैं।
बंटवारे के दौरान नरेश के दादा मस्तान चंद चावला की हत्या कर दी गई थी। इसलिए नरेश असल वजह जानने और वहां जाने की उम्मीद बांधे रहते। इन्होंने बताया कि साल 1993-1994 में पाकिस्तान के मुल्तान शहर से खुर्शीद अहमद कुरैशी आए हुए थे। वह अंतिम सांस लेने से पहुंचे अपनी माटी को चूमना चाहते थे। जब रोहतक आए तो नरेश उनसे मिलने पहुंचे। नरेश को उन्होंने पूरा पता लिया और पाकिस्तान जाने की इच्छा जताई। उस समय वीजा असल पते पर ही मिलता था, इसलिए अहमद खुर्शीद का पता लेना जरूरी था।
पहली बार पहुंचे पाक तो डरे हुए थे, दूसरी बार खूब घूमे
नरेश ने बताया कि मैं सबसे पहले खुर्शीद के यहां 1995 में गया। पहली बार अंदर से डरा हुआ था और तरह-तरह के विचार सामने आ रहे थे। लेकिन पहली बार में ही कैसेट का काम करने वाले खुर्शीद और उनके परिवार में खूब ख्याल रखा। दूसरी बार 1998 में उन्हें झंग गांव के सतियाना तक भी ले गए। यही गांव नरेश के दादा का पुश्तैनी गांव था। कई दूसरे गांवों और अलग-अलग लोगों से मिले। मुल्तान में जिन लोगों से मिले वही बताते थे कि हम रोहतक के रहने वाले हैं। मुल्तान के रहने वाले हाजी अता मुहम्मद अक्सर रोहतक की यादें उन्हें बताते।
परिवार काहनौर आया
नरेश के पिता जगन्नाथ बीएसएनएल से रिटायर हुए और उनका निधन भी हो चुका है। इन्होंने बताया कि बंटवारे के दौरान दादी नारायणी देवी ट्रेन में परिवार को बचाकर लाईं, दादा की घर के बाहर ही हत्या हो चुकी थी। कुरूक्षेत्र से रोहतक के काहनौर में आए। इनके ननिहाल वालों को पटवापुर गांव में था। इन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान पहुंचा तो पुराना घर देखकर फूट-फूटकर रो पड़ा।