एनसीआर के टॉप पांच प्रदूषित शहरों में रोहतक, सांस लेने लायक नहीं रही हवा
जागरण संवाददाता रोहतक शहर की हवा की लगातार बिगड़ती सेहत चिताजनक स्थिति में पहुंच ग
जागरण संवाददाता, रोहतक :
शहर की हवा की लगातार बिगड़ती सेहत चिताजनक स्थिति में पहुंच गई है। शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के टॉप पांच प्रदूषित शहरों में रोहतक शुमार रहा। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद के बाद रोहतक की हवा शुक्रवार को सबसे खराब रही। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खतरनाक स्तर को पार कर 424 दर्ज किया गया। जोकि, बृहस्पतिवार के मुकाबले 64 अंक अधिक रहा।
एनसीआर की लगातार बिगड़ती हवा पर पर्यावरण विशेषज्ञ चिता जता रहे हैं। प्रदूषण के कहर के चलते जिले के स्कूलों में 14 व 15 नवंबर को छुट्टी घोषित की गई थी। बुधवार और बृहस्पतिवार को हवा की सेहत में मामूली सुधार देखा गया। बृहस्पतिवार को एक्यूआइ 46 अंक घटकर 360 पहुंच गया था। वहीं फिर से 400 अंक के पार जाना शुभ संकेत नहीं माना जा रहा। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार फिलहाल राहत मिलने के आसार कम है। शनिवार को भी स्मॉग छाए रहने की संभावना जताई गई है। एमडीयू के प्रो. जेएस लौरा के अनुसार एटमोसफेरिक इनवरशन के कारण प्रदूषकों की मात्रा हवा में ज्यादा हो गई है। प्रदूषकों को ऊपर की ओर गति नहीं मिल पा रही है। जिस वजह से वायु प्रदूषण में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तेज बरसात या फिर हवा चलने से स्मॉग छटने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। उनका कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण इस तरह ही स्थिति बनती है। यह रहा टॉप पांच शहरों का एक्यूआइ :
- गाजियाबाद : 471
- गुरुग्राम : 460
- दिल्ली : 458
- फरीदाबाद : 450
- रोहतक : 424 निर्माण कार्य और वाहनों के धुएं से शहरी क्षेत्र में बढ़ रहा पीएम 2.5
प्रो. लौरा के अनुसार शहरी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर निर्माण कार्य और वाहनों से निकलने वाले धुएं से हो रहा है। निर्माण कार्यों की वजह से धूल व अन्य कण हवा में घुल रहे हैं। यही कण हवा में मुख्य प्रदूषक पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) का रूप धारण करते हैं। वहीं वाहनों से निकलने वाले धुएं में एनओटू, एसओटू, सीओ व अन्य जहरीली गैस वायु को प्रदूषित कर रही हैं। इसमें खेतों में जलाई जा रही पराली का योगदान कम है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पराली जलाने के साथ ही खेतों में फसल की कटाई और उनकी छटाई से भी प्रदूषण बढ़ रहा है। आंखों को पोलराइड लैंस से बचाएं
सांस लेने के साथ जहां प्रदूषक फेफड़ों में पहुंच बीमार कर रहे हैं। वहीं आंखों में भी धूल व अन्य कण सीधा प्रवेश कर रहे हैं। जिससे आंखों में जलन के साथ ही अन्य तरह की तकलीफ हो रही है। ऑप्टिशन इस स्थिति में पोलराइड लैंस युक्त चश्मे पहनने की सलाह दे रहे हैं। रेलवे रोड के ऑप्टिशन अजय ने बताया कि स्मॉग में आंखों के बचाव के लिए रंगीन चश्मे पहनना हानिकारक है। इससे सिर में भारीपन बना रहता है। सही लैंस नहीं होने से आंखों की मांसपेशियों को देखने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। जिसके लिए स्पेशल चश्मे ही पहनने चाहिए। 21 को मौसम साफ का आंकलन
मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों का अनुमान लगाया है। शनिवार को सुबह के समय घना स्मॉग छाए रहने की संभावना है। दिन में हल्की धूप निकल सकती है। 17,18 व 19 नवंबर को हवा में नमी के साथ प्रदूषण से राहत मिलने के आसार हैं। 20 नवंबर को आसमान में बादल छाए रह सकते हैं। 21 को मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। ।