उपचार से पहले मरीज की केस हिस्ट्री, तभी मिलेगा सही उपचार
जागरण संवाददाता रोहतक तीसरी लहर अगर आती है तो उसमें बच्चों के उपचार में विशेष सावध
जागरण संवाददाता, रोहतक : तीसरी लहर अगर आती है तो उसमें बच्चों के उपचार में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ट्रेनिग कार्यक्रम के दौरान कुंदन मित्तल ने बताया कि बच्चे से अवश्य पूछे कि उसे अभी क्या-क्या तकलीफ है और कितने दिनों से है तथा क्या वह किसी कोविड मरीज के संपर्क में आया है। बच्चे को कोई पुरानी बीमारी तो नही है, जैसे डायबिटिज, दिल की बीमारी इत्यादि या कोई लंबी दवाई तो नहीं खा रहा है ताकि उसको ध्यान में रखते हुए इलाज शुरू किया जा सके। ट्रेनिग के दौरान पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मंजूनाथ ने चिकित्सकों को विस्तार से वेंटीलेटर चलाना सिखाया। उन्होंने बताया कि वेंटीलेटर पर मरीज को किस प्रकार रखा जाता है और हमें उस समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आक्सीजन के साथ रखें पानी का ध्यान
डा. मंजूनाथ ने कहा कि यदि बच्चे में ग्लूकोस लगाने के लिए नस नहीं मिल रही है तो इंट्रा ओसियस के माध्यम से बच्चे में जल्दी पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। यदि बच्चे में थोड़ी देर पानी की कमी रह जाती है तो उससे उसके किडनी, दिमाग व दिल पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में हमें आक्सीजन के साथ-साथ पानी की कमी कभी नहीं होने देनी चाहिए। वेंटीलेटर किसी भी व्यक्ति की जान बचाने में बहुत महत्वपूर्ण निभाता है, ऐसे में उसका अच्छे से प्रयोग करना आना चाहिए।
-कार्यकारी कुलपति ने किया निरीक्षण
पीजीआईएमएस की स्किल लैब में प्रदेश के चिकित्सकों को प्रदान की जा रही ट्रेनिग का निरीक्षण करने बुधवार को कार्यकारी कुलपति डा. रोहताश यादव पहुंचे। उन्होंने कहा कि यहां कुछ ऐसा सिखने को मिल रहा है, जिससे हम भविष्य में लाखों बच्चों की जान बचा सकते हैं, इसलिए इस ट्रेनिग में दिल लगाकर सीखें और हर बात को बारिकी से जानें। इस ज्ञान को खुद तक ना रखकर आगे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है ताकि तीसरी लहर आती है तो हमें उसका मुकाबला करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए।