रोडवेज कर्मियों की हड़ताल रही बेअसर, दूसरे दिन सुबह से ही दौड़ी बस
जागरण संवाददाता, रोहतक रोडवेज कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन पूरी तरह से बेअसर रही।
जागरण संवाददाता, रोहतक
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन पूरी तरह से बेअसर रही। पहले दिन जरूर असर था। हड़ताली कर्मचारी पुलिस में गिरफ्त में होने के कारण बुधवार को कहीं कोई विरोध नहीं हुआ। सुबह तीन बजे बस अड्डे पर पुलिस तैनात हो गई। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी और परिवहन निगम के अधिकारी पहुंच गए। सुबह पौने चार बजे से ही बसों का संचालन शुरू करा दिया। इसके बाद नियमित तौर से दूसरे सभी रूट पर समयानुसार बसों का संचालन दिनभर चलता रहा। अफसरों का दावा है कि शाम तक करीब 161 बसों का संचालन हुआ।
परिवहन निगम के बस अड्डे स्थित वर्कशॉप से सुबह पौने चार बजे से सबसे पहले चंडीगढ़ की बस निकाली गईं। इसके बाद दिल्ली, आगरा, हरिद्वार के रूट की बसों का संचालन शुरू कराया। साथ ही जयपुर, सिरसा व दूसरे रूट पर बसों का संचालन भी शुरू हो गया। हालांकि बसों का संचालन दूसरे दिन भी भारी पुलिस बलों की मौजूदगी में हुआ। रोडवेज के अधिकारियों का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 92 रूट पर भी बस चलवाई गईं। इससे ग्रामीण रूट वालों को कोई परेशानी नहीं हुई। हालांकि दूसरे दिन भी रोडवेज की बसों के संचालन के लिए अधिकारियों को कर्मचारी मनाने पड़े। इसलिए भी कुछ रूट पर यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, प्रशासन को अभी अशंका है कि मामला गर्मा सकता है, इसलिए अगले एक-दो दिन और पुलिस तैनात रहेगी। वहीं, ड्यूटी मजिस्ट्रेट व रोहतक एसडीएम राकेश कुमार, तहसीलदार गुलाब ¨सह, डीएसपी रोहताश आदि मौजूद रहे।
सरकार को बसों के संचालन के फोटो व वीडियो की सीडी भेजी गईं
दो दिवसीय हड़ताल के दौरान वर्कशाप से बसों का संचालन कराने का दावा किया गया। प्रशासन ने वीडियो व फोटोग्राफी कराई थी। रोडवेज के सूत्रों का कहना है कि सरकार के पास बसों के संचालन कराने के साक्ष्य वीडियोग्राफी की सीडी और फोटो भेजे गए हैं। जिससे बताया जा सके कि हड़ताल पूरी तरह से फेल रही।
कर्मचारी नेताओं के फोन नंबर तक बंद, शाम को छोड़े गए 20 कर्मी
मंगलवार को सुबह हड़ताल के दौरान हंगामा करने वाले सात कर्मचारियों पर एस्मा के तहत केस दर्ज हुआ था, जबकि 27 कर्मचारियों को शांतिभंग में पकड़ा गया था। तभी से इन कर्मचारी नेताओं के फोन नंबर बंद हैं। दूसरी ओर, 20 कर्मचारी बुधवार की शाम को छोड़ दिए गए हैं। जिन कर्मियों पर एस्मा के तहत केस हुए हैं, उन्हें नहीं छोड़ा गया है। प्रशासन की ओर से छोड़े गए कर्मियों की भी निगरानी कराएगा। जिससे गड़बड़ी न हो सके।
गर्मा सकता है फिर से मामला, प्रशासन सतर्क
रोडवेज कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल बुधवार की शाम पांच बजे तक थी। फिलहाल हड़ताल का समय बीत गया है। लेकिन प्रशासनिक व परिवहन निगम के अधिकारी अभी भी सतर्क हैं। रोडवेज कर्मियों में अंदरखाते आक्रोश व्याप्त है। सूत्र कहते हैं कहते हैं कि कर्मचारियों पर जिस तरीके से कार्रवाई हुई, उससे तो मामला फिर से गर्मा सकता है। यहां बता दें कि सात सितंबर को हड़ताल के दौरान हरियाणा में 400 कर्मियों पर एस्मा के तहत केस हुए थे। इन कर्मियों पर दर्ज मामले वापस कराने और 700 निजी हाथों में परमिट देने का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। इसलिए दो दिवसीय हड़ताल की गई थी।
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पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हमने बसों का रूट व समय के हिसाब से संचालन शुरू कराया था। कहीं कोई परेशानी नहीं हुई और शाम तक करीब 161 से अधिक बसों का संचालन कराया जा चुका था।
राहुल जैन, महाप्रबंधक, परिवहन निगम।