संसाधनों का टोटा, हादसों को मिल रहा बढ़ावा
सड़क हादसों से निपटने के लिए नगर निगम की भी लापरवाही सामने आ रही है। अभी भी शहर में कुछ स्थानों पर रेड लाइट बंद पड़ी हैं। संसाधनों का टोटा कहें या फिर अनदेखी फिलहाल हादसों की एक वजह यह भी है। शहर के कुछ प्रोजेक्ट को लेकर भी तकनीकी खामियां हैं। इसे लेकर भी विभागों में आतंरिक स्तर से मंथन चल रहा है। जिससे उन खामियों को दूर किया जा सके।
जागरण संवाददाता, रोहतक : सड़क हादसों से निपटने के लिए नगर निगम की भी लापरवाही सामने आ रही है। अभी भी शहर में कुछ स्थानों पर रेड लाइट बंद पड़ी हैं। संसाधनों का टोटा कहें या फिर अनदेखी, फिलहाल हादसों की एक वजह यह भी है। शहर के कुछ प्रोजेक्ट को लेकर भी तकनीकी खामियां हैं। इसे लेकर भी विभागों में आतंरिक स्तर से मंथन चल रहा है। जिससे उन खामियों को दूर किया जा सके।
लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि जेएलएन नहर के ऊपर बने ओवरब्रिज में भी कुछ तकनीकी खामियां बताईं गई हैं। वजह है कि ओवरब्रिज की आकृति लहराकर चलने वाले सांप जैसी है। इससे जब भी वाहन दिल्ली बाईपास चौक तक पहुंचते हैं तो उनकी गति तीव्र होती है। वाहन सीधे के बजाय चौक पर अचानक मुड़ते हैं। इस कारण नए बस अड्डे की तरफ से आने वाले वाहनों की भी रफ्तार भी तीव्र होती है। इसलिए यहां हादसों का अक्सर अंदेशा रहता है। इसके साथ ही दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहन ओवरब्रिज के नीचे वाली सड़क से जाते हैं। दिल्ली की तरफ से आने वाले वाहनों को संभलकर लाना पड़ता है। लोक निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि यहां तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए एक-दो बार मंथन हुआ, लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ी। समाधान के तौर पर ओवरब्रिज के बराबर एक अन्य ब्रिज के अलावा आकृति के डिजाइन में हादसों से बचाने पर भी चर्चा हो चुकी है। वर्जन
सर्दियों के सीजन में किसी भी प्रकार के हादसों से बचने के लिए हम संबंधित विभागों से भी वार्ता करेंगे। यदि नगर निगम स्तर से काम होने हैं तो उन्हें कराया जाएगा। जैसे चौराहों पर ट्रैफिक लाइट व अन्य काम।
प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम