जेष्ठ पूर्णिमा पर जिले में अलग अलग स्थानों पर हुए धार्मिक कार्यक्रम
जेष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर वीरवार को जिले में अलग अलग स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। किलोई गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सुबह धार्मिक अनुष्ठान के बाद भंडारा लगाया गया तो वहीं दूसरी ओर मायना गांव में भी धार्मिक आयोजन किया गया। इसके अलावा शहर में भी विभिन्न स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जागरण संवाददाता, रोहतक : जेष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर वीरवार को जिले में अलग अलग स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। किलोई गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सुबह धार्मिक अनुष्ठान के बाद भंडारा लगाया गया तो वहीं, दूसरी ओर मायना गांव में भी धार्मिक आयोजन किया गया। इसके अलावा शहर में भी विभिन्न स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
रोहतक शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर किलोई में स्थित प्राचीन शिव मंदिर कमेटी के प्रधान सौरभ अत्री ने बताया कि मंदिर परिसर में बाबा सुभाष खंडेसरी पिछले तीन महीने से खड़ी तपस्या कर रहे थे। वीरवार को जेष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर सुबह उनकी तपस्या पूरी हुई। तो मंदिर कमेटी सदस्यों व ग्रामीणों ने उन पर पुष्प वर्षा की। खड़ी तपस्या पूरी होने के बाद बाबा सुभाष मंदिर में पहुंचे और प्राचीन शिवलिग पर पूजा अर्चना की। इस अवसर पर प्राचीन शिव कपिलेश्वर थाम सेवा ट्रस्ट व ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में भंडारा लगाया।
उधर, मायना गांव में जेष्ठ पूर्णिमा का दिन विशेष रहा। समाज सेवी काला मायना ने बताया कि गांव में धार्मिक आयोजन हुआ। मायना गांव के शिव हनुमान मंदिर में भगवान सत्यनारायण की व्रत कथा का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं की विशेष भागीदारी रही। ग्राम देवता दादा भैया के पास ग्रामीणों ने भंडारे का आयोजन भी किया। देसी घी भंडारे में पूरे गांव ने प्रसाद ग्रहण किया। गांव में सुख शांति, भाईचारे और सबके अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की गई। जेष्ठ का महीना धार्मिक कार्य और तप- दान के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है।