रोहतक शुगर मिल में शुरू हुआ रिफाइंड चीनी का उत्पादन
जागरण संवाददाता रोहतक हरियाणा सहकारी चीनी मिल लिमिटेड भाली आनंदपुर रोहतक में अब
जागरण संवाददाता, रोहतक :
हरियाणा सहकारी चीनी मिल लिमिटेड भाली आनंदपुर रोहतक में अब रिफाइंड चीनी का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। जिसके साथ ही रिफाइंड चीनी का उत्पादन करने वाली उत्तर भारत की सहकारी क्षेत्र की यह पहली चीनी मिल बन गई है। रिफाइंड चीनी पूर्ण रूप से सल्फर मुक्त होगी और उत्तर प्रदेश से आयात होने वाली रिफाइंड चीनी के मुकाबले ग्राहकों को यह सस्ती भी मिलेगी। यह बात चीनी मिल के प्रबंध निदेशक प्रदीप अहलावत ने कही। वे बुधवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रोहतक मिल में बीन रिफाइंड चीनी रंग और गुणवत्ता में भी बेहतर है। प्रदीप ने कहा कि रिफाइनरी यूनिट में एक अप्रैल से रिफाइंड चीनी का उत्पादन आरंभ कर दिया है। यह प्रदेश की पहली ऐसी रिफाइनरी है, जिसमें रिफाइंड चीनी का उत्पादन कार्य आरंभ हुआ है। रिफाइंड चीनी की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य चीनी की अपेक्षा इसका रंग व गुणवत्ता बेहतर होती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रिफाइंड चीनी का उत्पादन होने से ग्राहकों को भी इसका लाभ मिलेगा। प्लांट की मशीनरी की बढ़ेगी मियाद
उन्होंने कहा कि रिफाइंड चीनी सल्फर मुक्त होगी और देखने में इसकी गुणवत्ता उत्तम श्रेणी की होगी। रिफाइंड चीनी स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होगी। मिल में बनने वाली चीनी को दोबारा से पिघलाकर उसको और अधिक साफ किया जाता है ताकि उसकी गुणवत्ता अच्छी रहे। इस चीनी के उत्पादन से प्लांट की पाइप लाइन की मियाद भी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि चीनी की मिल की टीम ने बाजार का सर्वे किया था और इस सर्वे में पाया गया कि आसपास के सौ किलोमीटर के क्षेत्र में सहकारी चीनी मिलों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश की निजी चीनी मिलों की उत्पादित रिफाइंड चीनी की मांग अधिक है। इसी आधार पर रोहतक मिल ने यहां रिफाइंड चीनी उत्पादन करने का निर्णय लिया। साढ़े 16 करोड़ की लागत से हुई तैयार
प्रदीप अहलावत ने बताया कि मिल की नई रिफाइनरी यूनिट को चलाने का लक्ष्य 31 मार्च रखा गया था, जिससे 90 दिन के समय में पूरा कर लिया गया। नई रिफाइनरी यूनिट पर लगभग साढ़े 16 करोड़ रुपये की लागत आई है। एक अप्रैल से मिल में रिफाइंड चीनी का उत्पादन आरंभ हो चुका है। मिल में प्रतिदिन 450 टन चीनी का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाजार में रिफाइंड चीनी की कीमत सामान्य चीनी की अपेक्षा अधिक मिलेगी और लगभग दो साल में यूनिट अपने लागत मूल्य को प्राप्त कर लेगी। इस सत्र में 44 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा
उन्होंने बताया कि पेराई सत्र 2018-19 के दौरान मिल में अब तक किसानों की 44 लाख क्विटल गन्ने की खरीद की जा चुकी है, जिसका कुल भुगतान लगभग 149.39 करोड़ रुपये बनता है, जिसमें से 31 जनवरी तक का 81 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। मिल में अब तक 4.0 लाख क्विटल चीनी का उत्पादन भी किया जा चुका है। इस सत्र में अब तक बिजली का 2.28 करोड़ यूनिट निर्यात बिजली निगम, हरियाणा को किया जा चुका है, जिसका मूल्य 9.24 करोड़ रुपये बनता है। मिल के चीनी विक्रय प्रबंधन अजय बल्हारा के अलावा जगत सिंह बूरा व अन्य तकनीकी अधिकारी भी मौजूद रहे।