करौंथा आश्रम प्रकरण में रामपाल बरी, तीन अन्य दोषी करार
करौंथा में सतलोक आश्रम के लिए अवैध तरीके से भूमि अर्जित करने के मामले में रामपाल को बरी कर दिया गया है। वहीं, दोषियों की सजा पर फैसला 7 मई को होगा।
जेएनएन, रोहतक। करौंथा में सतलोक आश्रम के लिए अवैध तरीके से भूमि अर्जित करने के आरोप से कोर्ट ने रामपाल सहित चार लोगों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। हालांकि तीन लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोषियों को 7 मई को सजा सुनाई जाएगी। करौंथा आश्रम पर कब्जे के विरोध में सन 2013 में आर्यसमाजी युवक संदीप कुंडू हत्या के केस में सुनवाई 3 मई को होगी।
बता दें, रामपाल के बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट की ओर से वर्ष 2003 में करौंथा गांव की सीमा में सतलोक आश्रम बनाया गया था। इसके लिए करौंथा गांव की जमीन गिफ्ट के तौर पर ली गई। वर्ष 2006 में सिविल थाने में शिकायत दी गई कि आश्रम के लिए जो जमीन गिफ्ट में ली गई है उसपर गांव की महिला कमला देवी का हक था, लेकिन उसकी जगह किसी अन्य महिला को तहसील में पेश करके रजिस्ट्री करवा दी गई।
इस पर पुलिस ने रामपाल सहित नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। बीती 5 अप्रैल को न्यायाधीश मेनका सिंह की कोर्ट में फैसला सुनाया जाना था, लेकिन उनके अवकाश पर जाने के कारण इस मामले को एसीजेएम हरीश गोयल की कोर्ट में भेज दिया गया। 17 और 19 अप्रैल को दोनों पक्षों के वकीलों में बहस हुई। इसके बाद 26 अप्रैल को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन वकीलों के वर्क सस्पेंड के कारण फैसला टाल दिया गया था।
इसके बाद गत दिवस कोर्ट ने रामपाल को बरी करते हुए तीन आरोपितों राजेंद्र सिंह, रूबीना और कमला को दोषी करार दे दिया। इन लोगों पर ही जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने में मुख्य भूमिका थी। रामपाल के वकील यह साबित करने में सफल रहे कि न तो रामपाल मौके पर मौजूद थे और न ही उन्हें इसकी जानकारी थी। जिसने उन्हें जमीन गिफ्ट की थी, उस समय दस्तावेज पर उसी महिला का नाम दर्ज था।
वहीं कृष्ण नंबरदार, रविंद्र ढाका और राजेंद्र पुत्र लेखराम को भी बरी किया गया है। इसके अलावा एक आरोपित सुनेहरी की मौत हो चुकी है, जबकि एक अन्य सत्यदेव अभी फरार है। रामपाल के वकील अभिषेक चौधरी ने बताया कि करौंथा आश्रम की जमीन मामले में दर्ज मुकदमा नंबर 446 में एसीजेएम हरीश गोयल की कोर्ट ने रामपाल को बरी कर दिया है।
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