राजीव गांधी खेल परिसर में पानी की किल्लत को दूर करेगा रूफ रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम
रतन चंदेल, रोहतक राजीव गांधी खेल परिसर में तैयार किया गया रुफ रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम
रतन चंदेल, रोहतक
राजीव गांधी खेल परिसर में तैयार किया गया रुफ रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम यहां पानी के किल्लत को दूर कर सकेगा। इसका निर्माण कृषि विभाग की ओर से किया गया है। हालांकि अभी मामूली कार्य बाकी है। जो पूरा होने के बाद क्रिकेट स्टेडियम परिसर में ही बारिश का पानी स्टोर हो सकेगा। विभाग की ओर से एक लाख 50 हजार लीटर पानी को स्टोर करने की क्षमता वाले टैंक का निर्माण दस लाख की लागत से किया गया है। बारिश के पानी को इसमें स्टोर करने के बाद उसे पीने से लेकर ¨सचाई तक में प्रयोग किया जा सकेगा।
डी प्लान के तहत राजीव गांधी खेल स्टेडियम में रूफ टाप रेन वाटर हारवे¨स्टग सिस्टम तैयार किया गया है। सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कृषि विभाग की देखरेख में इसे तैयार किया गया है। हालांकि अधिकारी इसका कार्य पूरा होने का दावा कर रहे हैं लेकिन अभी इसका उद्धाटन होने का इंतजार है।
अधिकारियों की मानें तो इसका उद्देश्य पीने योग्य पानी का संरक्षण, क्रिकेट स्टेडियम के मैदान व पौधों में पानी देना व भूमिगत जल को रिचार्ज करना है, ताकि जमीनी पानी की गुणवत्ता सही हो सके। बता दें कि नवंबर माह में अतिरिक्त उपायुक्त अजय कुमार ने इसकी आधारशिला रखी थी और करीब दो माह में ही इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ है। यहां एक समर्सिबल भी लगा गया है। इसके पानी से अगले साल सूक्ष्म ¨सचाई किए जाने की भी योजना है। ये होगा फायदा
प्राकृतिक जल को बेकार होने से बचाया जा सकेगा। इसको रिचार्ज कर जमीनी पानी की गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान दिया जा सकेगा। वर्षा के जल को पीने योग्य बनाया जा सकेगा। इसमें स्टोर किए पानी से पेड़ पौधों में ¨सचाई की जा सकेगी। जरूरत पड़ने पर खेल मैदानों में भी पर्याप्त पानी दिया जा सकेगा। राजीव गांधी खेल स्टेडियम में जमीनी पानी खारा है, वहीं पानी की आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में मैदानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है और उन पर उगी घास सूखने लग रही है। विभाग की ओर से राजीव गांधी स्टेडियम में रूफ रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाया गया है। जिसमें बरसाती पानी को स्टोर किया जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर इसमें सप्लाई का व समर्सिबल का पानी भी मिलाया जा सकेगा। जिसे बाद में अलग अलग उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। इस योजना के बाद क्रिकेट स्टेडियम में पानी का अभाव नहीं होगा।
- नीना सुहाग, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, रोहतक।