पंच परमेष्ठी युवा मंडल ने की अनूठी पहल, उपहार में दे रहे मिटटी के दीये
जागरण संवाददाता, रोहतक : दीपों के बिना दीपावली पर्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दीपावली
जागरण संवाददाता, रोहतक : दीपों के बिना दीपावली पर्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दीपावली के अवसर पर आज भी घरों में मिट्टी के दीपक जलाने की परंपरा है। हालांकि आधुनिक दौर में अनेक लोग मिट्टी के इस दीये को भूलते जा रहे हैं और बाजारवाद के चलते घरों में रंग बिरंगी लाइटें लगाने को महत्व देने लगे हैं। ऐसे में लोगों को अपनी परंपरा के अनुसार दीपावली मनाने के लिए पंच परमेष्ठी युवा मंडल ने अनूठी पहले की है। मंडल के सदस्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति न केवल जागरूक कर रहे हैं बल्कि उनको मिट्टी के दीये उपहार में देकर पारंपरिक रूप से दीपावली मनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। वहीं पर्यावरणविद भी पटाखों की बजाए मिट्टी के दीप जलाकर ही पारंपरिक रूप से दीपावली मनाने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि दीपावली पर पटाखों से बहुत बड़ी मात्रा में प्रदूषण फैल जाता है, जो सभी के लिए नुकसानदायक होता है।
--दीये के लिए खतरा बनी चाइनीज लाइट
मंडल के अध्यक्ष विवेक जैन का कहना है कि चाइनीज लाइट ने दीये की अस्मिता को खतरे में डाल दिया है और दीये की परंपरा धीरे-धीरे औपचारिकता के दायरे में सिमटती जा रही है। लेकिन इसके बावजूद भी चाइनीज लाइट अपनी जगह है और मिट्टी के दीये अपनी जगह हैं। आइए इस दीपावली मिट्टी के दीये जलाएं। भारतीय संस्कृति को मजबूत बनाएं। दीये जलाने से गरीबों के घर भी दीपावली मनेगी। दीप जलेंगे तो इनको बनाने वाले लोगों के घर भी खुशहाली आएगी। वहीं हमारे आंखें भी सुरक्षित रहेंगी। --पर्यावरणविद की राय में मिट्टी के दीप जलाने के फायदे
- दीपावली पर मिट्टी के दीयों से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है और ये घरों में जलते हुए आकर्षक भी लगते हैं। - दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने से जहरीले कीट पंतगों के साथ ही रोगाणु भी उनकी लौ में जल कर समाप्त हो जाते हैं। - दीपावली में मिट्टी के दीयों से त्वचा पर किसी प्रकार का हानिकारक प्रभाव भी नहीं पड़ता, बल्कि यह शरीर के लिए उपयोगी है। - दीपावली पर हम गरीब लोगों के बनाए मिट्टी के दीये खरीदेंगे तो यह पैसा उनकी जेब में जाएगा और उनकी दीवाली अच्छी रहेगी। - मिट्टी के दीये की खरीदारी करने से देश का पैसा देश में ही काम आएगा, इससे देश का आर्थिक विकास और बेहतर हो सकेगा।
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- मिट्टी के दीये टूट जाने पर एवं फेक देने पर पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, जिससे वातावरण में संतुलन रहेगा।
---डा. राजेश धनखड़, सीनियर प्रोफेसर, पर्यावरण विभाग, मदवि, रोहतक ।