प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे ठप, नोटिस के बावजूद एजेंसी पर शिकंजा नहीं, ऐसे तो दो साल में भी नहीं हो सकेगा काम
जागरण संवाददाता रोहतक शहरी क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे का कार्य पूरी तरह से ठ
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। सर्वे करने की वाली कंपनी ने शहरी क्षेत्र की जनता का सहयोग नहीं का बहाना लगाकर पूरी तरह से हाथ खड़े कर दिए हैं। दावा किया है कि ट्रायल के दौरान जनता ने सहयोग नहीं किया। इसलिए काम प्रभावित है। दूसरी ओर, एजेंसी की मनमानी पर नकेल कसने के लिए निगम अधिकारियों ने जयपुर की एजेंसी को नोटिस थमाया था। बताया जा रहा है कि एजेंसी की मनमानी के बावजूद भी अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों के रहम के चलते ही बताया जा रहा है कि सर्वे का कार्य शुरू करने के लिए आंखें दिखाई जा रही हैं। यहां बता दें कि शहरी क्षेत्र में 2010-11 में सर्वे हुआ था। उस दौरान शहरी क्षेत्र में करीब 1.74 लाख प्रॉपर्टी यूनिट थीं। अब फिर से सर्वे चल रहा है। 31 मार्च तक सर्वे का कार्य पूरा करना था, लेकिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। अब नए सिरे से सर्वे में करीब 1.92 लाख तक प्रॉपर्टी यूनिट हो सकती हैं। सर्वे का कार्य निपटने के बजाय अब हालात लग रहे हैं कि ऐसे तो दो साल में सर्वे का कार्य पूरा हो सकेगा। अफसरों ने किया दावा, फिर शुरू कराएंगे सर्वे
नगर निगम आयुक्त आरएस वर्मा ने का कहना है कि शहरी क्षेत्र में वार्ड, कॉलोनी क्षेत्र में घरों, दुकानों, भू-खंडों व अन्य संपतियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के उद्देश्य से जल्द ही स्थानीय कमेटी द्वारा घर-घर जाकर सर्वे फिर से शुरू होगा। सर्वे का कार्य राज्य सरकार द्वारा अधिकृत याशी कन्सलटिग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर द्वारा किया जाना है। सर्वे कार्य के उपरांत नागरिकों की संपति व उनसे संबंधित सूचनाओं का संकलन ऑनलाईन प्रणाली पर किया जाएगा। संबंधित व्यक्ति को अपने प्रॉपर्टी टैक्स व केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को जानने, समझने के साथ सभी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। सर्वे के बाद मोबाइल पर आएगा ओटीपी नंबर
आयुक्त ने बताया कि सर्वे के पश्चात संबंधित व्यक्ति द्वारा उपलब्ध करवाए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी के साथ टेम्परेरी यूनिक आईडी आएगी। जिसके माध्यम से भविष्य में अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह पूर्ण रूप से निशुल्क रखा गया है। सर्वे के लिए पहुंचे कर्मचारियों को कोई भी फीस अथवा पैसा नहीं देना है। प्रॉपर्टी मालिकों से अपील करते हुए सहयोग मांगा है कि जिन्होंने अपने प्रॉपर्टी किराए पर दी हुई हैं, वह अपने किरायेदार को प्रॉपर्टी मालिक का मोबाइल नंबर सर्वेयर को अवश्य उपलब्ध करवाने के लिए अवश्य कहें। इस मौके पर उन्होंने किराए पर रहने वाले नागरिकों से भी अपील की कि वह अपना मोबाइल नंबर, आईडी व किराएनामे की फोटोकॉपी सर्वेयर को उपलब्ध करवाएं। सर्वे के दौरान यह दस्तावेज दिखाने होंगे
बिजली के बिल की कॉपी, पानी के बिल की कॉपी, एक फोटो आइडी प्रूफ, आधार नंबर (ऑप्शनल), संपति की रजिस्ट्री की फोटो कॉपी, किरायेदार के लिए मालिक के साथ हस्ताक्षर किए गए किरानामे की कॉपी, दुकान से संबंधित लाईसेंस की कॉपी व आप द्वारा पूर्व में जमा करवाए गए प्रॉपर्टी टैक्स की कॉपी भी देनी होगी। हम एजेंसी को नोटिस दे चुके हैं। उन्हें अपना पक्ष रखना है। जनता से भी सहयोग मांगा है कि सर्वे में सहयोग दे।
आरएस वर्मा, आयुक्त, नगर निगम
--
कोई ऐसा काम होना चाहिए कि नगर निगम रोहतक से सर्वे का काम पूरी तरह से बंद हो जाए। शहर में कचरे के ढेर लगे हुए हैं, शहर गंदा पड़ा हुआ है। यह खबर छापनी चाहिए। मेरा कोई क्या बिगाड़ेगा, जब सर्वे के ट्रायल में ही मुझे जनता ही सहयोग नहीं दे रही है तो कैसे सर्वे कराऊं। जो भी छापना है छाप लो। मैं मुनादी कराऊं या फिर नहीं, मेरा तो यही कहना है कि जनता का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। अब मैं कैसे बताऊं कि अधिकारी या फिर अन्य कौन झूठ बोल रहा है।
संजय गुप्ता, एमडी, याशी कन्सलटिग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर शहर में जब भी सर्वे होता है तब जनता, व्यापारियों और पार्षदों से जानकारी नहीं ली जाती है। यही कारण है कि करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद भी प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों में गड़बड़ियां होती हैं। यह तो जनता के पैसे का दुरूपयोग है। जनता और व्यापारियों को सर्वे की जानकारी दी जाए, यह हम आयुक्त को बता चुके हैं।
राजू भुटानी, प्रधान, झज्जर रोड व्यापार एसोसिएशन