पहरावर गांव में किसान कर रहे धान की पराली का उचित प्रबंधन
जागरण संवाददाता रोहतक जागरण के अभियान पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे के
जागरण संवाददाता, रोहतक :
जागरण के अभियान पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण को बचाएंगे, के तहत बृहस्पतिवार को रोहतक के पहरावर गांव में किसानों ने मशीनों से पराली का उचित प्रबंधन किया। इस दौरान खेतों में रखी पराली को एक स्थान पर एकत्रित कर मशीन से उसका चारा तैयार किया गया। जिसके माध्यम से दिखाया गया कि पराली का खेतों में ही किस तरह से चारे के रूप में प्रबंधन किया जा सकता है। इतना ही नहीं इस चारे को जरूरत पड़ने पर खाद के रूप में भी खेतों में प्रयोग किया जा सकता है। कुछ माह बाद यह चारा गलने के पर मिट्टी में प्राकृतिक खाद का काम करेगा और खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ाएगा।
दैनिक जागरण की ओर से किसानों के सहयोग से पराली प्रबंधन का लाइव डैमो दिखाया गया। जिसके माध्यम से पराली नहीं जलाने और प्रदूषण नहीं फैलाने का संदेश भी दिया गया। किसानों ने बताया कि यहां ज्यादातर किसान पराली को न जलाकर उसका उचित प्रबंधन करते हैं। पशुओं के चारे के साथ ही किसान इसका प्रयोग खाद के रूप में भी करते हैं। गांव निवासी किसान नरेंद्र, जयचंद, बंसीराम, संजय, बूगल, अनिल और दीपक ने बताया गांव में पराली प्रबंधन के प्रति किसानों में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पराली का चारा बनाकर मंडी में बेच दिया जाता है।
पराली के चारे की मिल रही अच्छी कीमत
मंडी में पराली के चारे की कीमत भी किसान को अच्छी खासी मिलती है। पराली के प्रति क्विंटल चारे की कीमत लगभग 350 रुपये मिल जाती है। ऐसे में किसान प्रति एकड़ पराली से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बस किसानों को पराली का उचित प्रबंधन करने के लिए जागरूक होने की जरूरत है। किसानों में जागरूकता होने से न केवल पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम होगी बल्कि किसानों को चौतरफा लाभ भी मिल सकेगा।