शिक्षा विभाग के आदेशों को ठेंगा, छुट्टी के बावजूद खोले गए निजी स्कूल
जागरण संवाददाता, रोहतक : निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ती जा रही है। विभाग के आदेशों का भ
जागरण संवाददाता, रोहतक :
निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ती जा रही है। विभाग के आदेशों का भी उन पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। हाल ही में शिक्षा विभाग की ओर से 8 जनवरी तक तमाम सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। लेकिन रोहतक में कई निजी स्कूल ऐसे देखे गए हैं जिन्होंने विभाग के इन आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए स्कूल खोले। वहीं शिक्षा विभाग भी इस तरफ से आंखें मूंदे रहा। विभाग के अधिकारियों ने भी इन आदेशों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी स्कूल खुलने की कोई शिकायत उनको नहीं मिली है। फिर भी कोई कोई शिकायत मिलती तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में पहले से ही सभी स्कूलों को अवगत कराया जा चुका है। शहर ही नहीं बल्कि कलानौर, महम व सांपला आदि कस्बों में भी बुधवार को कुछ स्कूल खोले गए। जो विभाग के आदेशों का सरेआम उल्लंघन है। स्कूलों की इस मनमानी पर अधिकारियों ने अभी तक कोई सख्ती नहीं दिखाई है।
बनी रही भ्रम की स्थिति :
उधर, स्कूल खोलने को लेकर निजी स्कूलों में भ्रम की स्थिति भी बनी रही। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि मंगलवार को सोशल मीडिया पर छुटिटयां रद्द होने से संबंधित एक मैसेज चल रहा था। जोकि मंत्री जी के बयान पर आधारित दिखाया जा रहा था। ऐसे में अभिभावकों में इसको लेकर स्थिति साफ नहीं हुई और बच्चे व शिक्षक स्कूलों में पहुंचे।
वर्जन
सभी निजी स्कूलों को सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए। हो सकता है बुधवार को भ्रम की स्थित के कारण कुछ स्कूल खोले गए हों लेकिन इस पर भी सरकार स्थिति स्पष्ट करें। किसी प्रकार की भ्रम की स्थित नहीं होनी चाहिए। वहीं इसके बाद भी अगर कोई निजी स्कूल सरकार के आदेशों की पालना नहीं करता है तो फिर उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।
- र¨वद्र नादल, प्रधान, हरियाणा निजी स्कूल संघ ।
वर्जन
सभी स्कूलों को पहले से ही अवकाश संबंधी निर्देश दिए जा चुके हैं। उसके बावजूद भी अगर कोई निजी स्कूल मनमानी करता है तो वह गलत है। ऐसे स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सरकारी आदेशों का पालन कड़ाई से होना चाहिए।
- सुनीता रूहिल, जिला शिक्षा अधिकारी।