मंगलवार तक प्रदेश के सभी अस्पतालों में आंखों के ऑपरेशन पर रोक
जागरण संवाददाता रोहतक भिवानी स्थित सरकारी अस्पताल में आंखों में ऑपरेशन के बाद मरीजों
जागरण संवाददाता, रोहतक : भिवानी स्थित सरकारी अस्पताल में आंखों में ऑपरेशन के बाद मरीजों को हुई परेशानी को देखते हुए मंगलवार तक प्रदेश के सभी अस्पतालों में आंखों के ऑपरेशन करने पर रोक लगा दी गई है। शनिवार को डायरेक्टर जनरल और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग ने पीजीआइ का दौरा कर मरीजों व चिकित्सकों से बातचीत की। पीजीआइ प्रबंधन ने मरीजों की जांच करने के लिए तीन नेत्र सर्जनों की टीम का गठन किया है। साथ ही जिन दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं उसकी रिपोर्ट भी अगले सप्ताह में आ जाएगी। जिसके बाद ही कोई नया कदम उठाया जाएगा।
भिवानी स्थित जालान अस्पताल में 11 से 18 मार्च तक ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की आंखों की रोशनी वापस नहीं आई थी। जिसके बाद उन्होंने चिकित्सकों से संपर्क किया तो मरीजों को पीजीआइ के लिए रेफर कर दिया। बड़ी संख्या में एक साथ मरीजों को परेशानी होने के चलते स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। शनिवार तक पीजीआई में कुल 44 मरीज दोबारा आंखों के ऑपरेशन के लिए पहुंचे। शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार की टीमों ने पीजीआइ का दौरा किया था तो वहीं शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. सतीश अग्रवाल और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग डा. राजीव अरोड़ा ने मौके पर पहुंचकर मरीजों का हाल जानते हुए चिकित्सकों से बात की। फिलहाल मंगलवार तक प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में आंखों के ऑपरेशन पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रथम दृष्ट्या स्टाफ द्वारा लापरवाही बरते जानी की पुष्टि नहीं हो रही है, जबकि दो दवाओं में बैक्टीरिया होने की बात सामने आ रही है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि किन दवाओं में बैक्टीरिया है। इसके लिए दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। अगले सप्ताह तक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। प्रदेश के हजारों मरीजों की दोबारा जांच करेंगे चिकित्सक
प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में मार्च माह में जितने भी मरीजों की आंखों के ऑपरेशन किए गए हैं, उनकी दोबारा से जांच की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं कि पहले तो कोशिश की जाएगी कि मरीजों को दोबारा से अस्पताल में बुलाकर जांच की जाए और यदि मरीज आने में समर्थ नहीं हैं तो चिकित्सकों की टीम को मरीजों के घर भेजकर उनकी जांच कराई जाएगी। पीजीआइ के तीन चिकित्सकों की टीम गठित
पीजीआइ के तीन नेत्र सर्जन की टीम का गठन मामले में जांच के लिए किया गया है। पीजीआइ निदेशक डा. रोहताश यादव ने बताया कि नेत्र सर्जन डा. मनीषा नड्डा, डा. जितेंद्र फौगाट और डा. सुनील की टीम का गठन मामले में जांच और मरीजों को होने वाली समस्या के कारण के लिए किया गया गया है। साथ ही तीनों चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। पीजीआइ में भर्ती मरीजों और ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों से बात की हैं। मरीजों की आंखों की रोशनी लौटने के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। पूरे प्रदेश के सभी अस्पतालों में आंखों के ऑपरेशन पर रोक लगा दी गई है। प्रथम दृष्ट्या स्टाफ की लापरवाही सामने नहीं आई है। दो संदिग्ध दवाओं में बैक्टीरिया होने की संभावना है। सभी दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
डा. राजीव अरोड़ा, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग