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कार्तिक मास में होने वाली प्रभात फेरियों का समापन

कार्तिक मास में सुबह चार बजे से छह बजे तक निकाली जाने वाली प्रभात फेरी का रविवार को समापन हो गया। धार्मिक रूप से इसे कीर्तन से जोड़ा जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:15 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:15 AM (IST)
कार्तिक मास में होने वाली प्रभात फेरियों का समापन
कार्तिक मास में होने वाली प्रभात फेरियों का समापन

संवाद सहयोगी, महम : कार्तिक मास में सुबह चार बजे से छह बजे तक निकाली जाने वाली प्रभात फेरी का रविवार को समापन हो गया। धार्मिक रूप से इसे कीर्तन से जोड़ा जाता है। जिसे मन की शांति के लिए किया जाता है। पापकुंशा एकादशी से प्रभात फेरी निकालना शुरू किया गया था। धर्म ग्रंथों में हरिनाम कीर्तन की बड़ी महिमा बताई गई है। इस माह में व्रत व तप करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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कस्बे की में आजादी के समय से ही दो कीर्तन मंडली प्रभात फेरी निकालते आ रहे हैं। जिनमें हर मिलाप सत्संग मंडल व महावीर मंदिर संकीर्तन मंडल शामिल हैं। मंडलियों के कलाकार कीर्तन करते हुए सभी गलियों से गुजरते हैं। लोग इन्हें घरों में आमंत्रित करते हैं।

प्रभात फेरी के अंतिम दिन कीर्तन मंडलियों में श्याम छाबड़ा, रमेश बतरा, नीरू शर्मा, भगत राम छाबड़ा, हंसराज, दयानंद, भूषण कुमार, हरबंश लाल, वेदप्रकाश धवन, एमडी व दर्शन छाबड़ा मौजूद रहे।

शोधार्थियों को 1 दिसंबर से मिलेगी हॉस्टल सुविधा

जासं, रोहतक : महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में सत्र 2020 -2021 में साइंस और टेक्नोलॉजी व शोधार्थी जिनका शोध कार्य पीएचडी रजिस्ट्रेशन के बाद तीसरे-चौथे वर्ष में चल रहा है या फिर शोध कार्य पूरा होने के नजदीक हैं और पिछले सत्र में हॉस्टल उपलब्ध था, उनको 1 दिसंबर से वर्तमान शैक्षणिक सत्र पूरा होने तक हॉस्टल की सुविधा दी जाएगी। चीफ वार्डन बॉयज प्रो. रणदीप राणा तथा चीफ वार्ड ग‌र्ल्स प्रो. संजू नंदा ने बताया कि शोधार्थी के शोध सुपरवाइजर और विभागाध्यक्ष/निदेशक की शोध कार्य को पूरा करने के लिए प्रयोगशाला कार्य की •ारूरत की अनुशंसा पर ही शोधार्थी को हॉस्टल दिया जाएगा। हॉस्टल में क्वारंटाइन समय के दौरान मेस फैसिलिटी उपलब्ध नहीं होगी। हॉस्टल रेजिडेंट की रिक्वेस्ट पर यूनिवर्सिटी ़फूड ऑर्बिट से पेमेंट के आधार पर फूड पैकेट उपलब्ध कराए जा सकते हैं।


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