चौहरे हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही, चार्जशीट में दी गई पांच सीडी में से चार निकली ब्लैंक
विजय नगर कालोनी में हुए चौहरे हत्याकांड के मामले में पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई है। मामले में सोमवार को जेएमआइसी सुयेशा जावा की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरेापित अभिषेक उर्फ मोनू को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान आरोपित के अधिवक्ता शिवराज मलिक ने कोर्ट में एप्लीकेशन दायर की। इसमें बताया कि पुलिस ने जो चार्जशीट पेश की है उसमें पांच सीडी लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : विजय नगर कालोनी में हुए चौहरे हत्याकांड के मामले में पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई है। मामले में सोमवार को जेएमआइसी सुयेशा जावा की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरेापित अभिषेक उर्फ मोनू को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान आरोपित के अधिवक्ता शिवराज मलिक ने कोर्ट में एप्लीकेशन दायर की। इसमें बताया कि पुलिस ने जो चार्जशीट पेश की है, उसमें पांच सीडी लगाई गई है। उन पांच सीडी में से चार सीडी ब्लैंक है। जिसमें कोई डाटा नहीं है। इसके अलावा आरोपित अभिषेक की बहन नेहा के ट्रीटमेंट के दस्तावेज भी नहीं है। एप्लीकेशन में यह भी सवाल उठाए कि 27 अगस्त को वारदात के बाद जो जांच अधिकारी मौके पर पहुंचा था उसने घटनास्थल के वीडियो और फोटो कराए थे। इसमें कई फोटो नहीं है। सीडीआर की लोकेशन भी अभी तक नहीं मिली है। अधिवक्ता ने अपील करते हुए इन सभी दस्तावेजों को पूरा कराया जाए। इस पर कोर्ट ने आगामी सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख दी है। साथ ही पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जो भी कमी है उसे पूरा कराया जाए।
यह था मामला
विजय नगर कालोनी में रहने वाले प्रापर्टी डीलर प्रदीप, उसकी पत्नी बबली, बेटी नेहा और प्रदीप की सास रोशनी की 27 अगस्त को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने प्रापर्टी डीलर के बेटे अभिषेक उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया था, जो तभी से न्यायिक हिरासत में बंद है। आरोप है कि रुपये नहीं मिलने पर आरोपित ने अपने परिवार के लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने हाई कोर्ट में दिया मौखिक जवाब, शिकायतकर्ता ने भी की सीबीआइ जांच की मांग
अधिवक्ता शिवराज मलिक ने बताया कि इस मामले में अधिवक्ता शिवांश मलिक के माध्यम से हाई कोर्ट में भी एप्लीकेशन दायर की गई थी। इसमें बताया गया था कि इस मामले में आरोपित अभिषेक पुलिस टारगेट पर था। पुलिस ने साजिश के तहत उसे फंसाया है। इस मामले पुलिस ने प्रापर्टी के एंगल से भी कोई जांच नहीं की। मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। इसके अलावा भी कई सवाल उठाए गए थे। मामले पर सोमवार को हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई। वहां पर पुलिस ने मौखिक तौर पर बताया कि इस मामले में गहनता से जांच की गई है, जिसके बाद ही चार्जशीट पेश की गई है। इस पर कोर्ट ने पुलिस से लिखित में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। उधर, इस प्रकरण में शिकायतकर्ता आरोपित के मामा प्रवीण ने भी हाई कोर्ट में एप्लीकेशन दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की है।